Monthly Archives: July 2022

योग विश्व को भारत की देन | Yoga par kavita

योग विश्व को भारत की देन ( Yoga vishwa ko bharat ki den )   योगी ऋषि-मुनियों ने, जग को योग सिखाया। तपस्या के दम पर, योग शिक्षा दे गए।   अपना...

मै शेरसिंह सर्राफ | साहित्यिक परिचय

मै शेरसिंह सर्राफ ( Mai Sher Singh Saraf )   इक परिचय मेरा भी सुन लो, शब्द मेरे है साफ। लिखता हूँ खुद से खुद को मै, शेर सिंह सर्राफ। ... बचपन...

अलसायी सी ललचाई सी | Alsai si lalchai si | Kavita

अलसायी सी ललचाई सी  ( Alsai si lalchai si )   अलसायी सी ललचाई सी, दंतों से अधर दबायी सी। सकुचाई सी शरमाई सी, मनभाव कई दर्शायी सी।   घट...

जुल्म की इंतेहा | Zulm ki inteha | Chhand

जुल्म की इंतेहा ( Zulm ki inteha )   मनहरण घनाक्षरी   जुल्मों सितम ढहाए, नयनों में नीर लाए। बेदर्दी लोग जुलमी, दिल को जला गए।   पत्थर दिल वो सारे, जिनके नखरे न्यारे। अपना बनाके...

वृद्धाश्रम | Bridhashram Chhand

वृद्धाश्रम ( Bridhashram )   मनहरण घनाक्षरी   पावन सा तीर्थ स्थल, अनुभवों का खजाना। बुजुर्गों का आश्रय है, वृद्धाश्रम आइए।   बुजुर्ग माता-पिता को, सुत दिखाते नयन। वटवृक्ष सी वो छाया, कभी ना सताइए।   हिल मिलकर सभी, करें...

जीवन संसय | Jeevan sansay

जीवन संसय ( Jeevan sansay )   जन्म की पीड़ मिटी ना प्यास बुझी, इस नश्वर तन से। अभी भी लिपटा है मन मेरा, मोह में मोक्ष को...

इतनी सी कमीं है | Itni si kami hai

इतनी सी कमीं है ( Itni si kami hai )   पत्थर  सा  नही  हूँ  मैं मुझमे भी नमीं हैं। बस दर्द बया कर देता हूँ इतनी सी...

बादल | Badal par chhand

बादल ( Badal )   जलहरण घनाक्षरी   काले काले मेघा आओ, बरस झड़ी लगाओ। व्योम में कड़क रही, बिजलियां कड़ कड़।   बारिश की बूंदे प्यारी, सबको सुहाती सारी। बादल गरज रहे, अंबर में गड़ गड़।   नभ...

नरक का द्वार | Narak ka dwar | Kavita

नरक का द्वार ( Narak ka dwar )   नैन दिखा मां बाप को, खोले नरक के द्वार। अभिशापों की जिंदगी, मत जीओ संसार।   कच्ची कलियां नोंचतें, करते जो पापाचार। नरक द्वार खोलते, पापी...

प्यार करने की हो गयी भूल है | Pyar wala shayari

प्यार करने की हो गयी भूल है ( Pyar karne ki ho gayi bhool hai )    प्यार करने की हो गयी भूल है ? अब सताती दिल...