एडोल्फ हिटलर

( Adolf Hitler )

प्रेम की प्यास में व्याकुल

एक नवयुवक

ऑस्ट्रिया की गलियों में

घूमा करता।

काश कोई तरुणी

उसके दर्द को

समझ पाती

और करती प्रेम तो

वह महान खून का प्यासा

ना बनता तानाशाह।

प्रेम की व्याकुलता

लाती विछिप्तता

उसी व्याकुलता में

एक दिन

अपनी प्रेयसी की याद को

सीने में दबाएं

स्वयं को नष्ट कर लिया ।

दुनिया ने कहा

बहुत खूंखार था

उसका नाम जुबा पर मत लो।

निर्णय हमें करना है

वह खूंखार था या

प्रेम का प्यासा!

योगाचार्य धर्मचंद्र जी
नरई फूलपुर ( प्रयागराज )

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