अक्षय तृतीया : आखा तीज

अक्षय तृतीया : आखा तीज   अक्षय तृतीया पर्व पर इस जीवन को पावन बनाये । पापों व तापों के हैं घेरे उनको ढहाते हुए चले । संसार...

वह पानी बेचता है | Kavita Wah Pani Bechta Hai

वह पानी बेचता है ( Wah Pani Bechta Hai )   इस बचपन में वह बेचता है पानी ट्रेन में, बस में, धूप में, फुटपाथ पर । वह बेचता है पानी- एक...

महाराष्ट्र दिवस | Aalekh Maharashtra Diwas

कोकण, मराठवाडा, विदर्भ, खानदेश को शामिल कर २२९ तालुका वाले महाराष्ट्र राज्य की स्थापना १ मई, १९६० ई. को हुई थी, इसके पीछे की...

कोणार्क सूर्य मंदिर | Kavita Konark Mandir

कोणार्क सूर्य मंदिर ( Konark Surya Mandir )    वास्तुकला व डिजाइन का वो है ऐसा उदाहरण, समय की गति को दर्शाता सुंदर वहां पर्यावरण। काला पगोड़ा भी...

प्यारी पाती | Kavita Pyari Paati

प्यारी पाती ( Pyari Paati )   मां की आस पिता का संबल बच्चों की अभिलाषा! प्यारी पाती आती जब थी पुलकित घर हो जाता!! घरनी घरमें आस लगाए रहती बैठी...

मन का डर | Man ka Dar

मन का डर ( Man ka Dar )   चलते चलते न जाने कहाँ तक आ गये हैं, कामयाबी की पहली सीढ़ी शायद पा गये हैं, कुछ पाने...

योगेश की कविताएं | Yogesh Hindi Poetry

चांद पता नहीं क्यों पर आज मैंने भी बचपने सी ज़िद की, अपने मां से चांद लाने की मांग की,मां ने भी बड़ी मासूमियत से मुझे...

आम के आम गुठलियों के दाम | Kavita Aam ke Aam

आम के आम गुठलियों के दाम ( Aam ke Aam guthliyon ke daam )   आम के आम हो जाए, गुठलियों के दाम हो जाए। अंगुली टेड़ी...

पदचिन्ह | Kavita Padachinh

पदचिन्ह ( Padachinh )   पदचिन्हों का जमाना अब कहां पदलुपतों का जमाना अब जहां परमसत्ता को शब्द-सत्ता से च्युत करने की साजिश है जहा तिनका-तिनका जलेगा मनुज अपने ही कर्मों...

विपदाओं के चक्रव्यूह

विपदाओं के चक्रव्यूह   बाधाएं तो आतीं हैं, औ आगे भी आएंगी ! अविचल बढ़ो मार्ग पर अपने खुद ही मिट जाएंगी !! विकट समस्याओं के सम्मुख तुम तनिक नहीं घबराना...