दिखावा | Kavita Dikhawa
दिखावा
( Dikhawa )
शुभचिंतक हैं कितने सारे
बाहर गोरे भीतर कारे
मुखरा-मुखरा बना मुखौटा
मिट्ठू दिखते जो हैं सारे
लेकर आड़ झाड़ को काटे
नए और पैने हैं आरे
तन...
मन की डायरी | Kavita Man ki Diary
मन की डायरी
( Man ki Diary )
मन की डायरी में
लिखे है कुछ अनकहे अलफ़ाज़
जिन्हे पढ़ने के लिए
जरूरत होगी तुमको
रूह में उतरने की,
हृदय समंदर...
हकीकत की भूल | Kavita Haqeeqat
हकीकत की भूल
( Haqeeqat ki Bhool )
संवरती नही कभी
हकीकत की भूल
नुमाइश की जिंदगी
कागज के फूल
बंजर जमीं के नीचे
व्यर्थ बीज की गुणवत्ता
लोभी नेता के...
लोकतंत्र अभयदान | Kavita loktantra Abhaydan
लोकतंत्र अभयदान
लोकतंत्र अभयदान,शत प्रतिशत सही मतदान
मतदान लोकतांत्रिक व्यवस्था,
सशक्त नागरिक अधिकार ।
अवसर सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व चयन,
राष्ट्र भविष्य अनूप श्रृंगार ।
योग्य दक्ष आदर्श प्रतिनिधि,
सहर्ष प्राथमिकता सदा आह्वान।
लोकतंत्र...
दर्पण ना समाए | Kavita Darpan na Samaye
दर्पण ना समाए
( Darpan na Samaye )
रुप तेरा ऐसा
दर्पण ना समाए
मन ना उतराए
भृकुटी ऐसी चांदनी
चांद ना शरमाय
गाल ऐसी लागी
कनक ना चमकाय
ओठ ऐसी रंगाय
भौंरें ना...
अणु से संपूर्ण | Kavita Anu se Sampurn
अणु से संपूर्ण
( Anu se Sampurn )
तू बूंद से कर प्रयाण सागर का
सागर भी मिल जाता महासागर में
हो मुक्त आवागमन के बंधन चक्र...
जी लेते हैं चिथड़े में खुशहाली में | Kavita Ji Lete
जी लेते हैं चिथड़े में खुशहाली में
फुटपाथ पर ही हमें हरियाली है
जी लेते हैं चिथड़े में खुशहाली है।
कचड़े में अरमान तलाश लेते हैं
नहीं चोट...
मत प्रणय अनंत | Kavita Mat Pranay Anant
मत प्रणय अनंत
( Mat Pranay Anant )
मत प्रणय अनंत, ई वी एम को निहार कर
लोकतंत्र नव यौवन अंगड़ाई,
मतदाता उर भाव नवल ।
उत्सविक प्रभा...
परीक्षा का डर कैसा | Kavita Pariksha ka Dar
परीक्षा का डर कैसा
लो परीक्षाएं आ गई सर पर अब कर लो तैयारी।
देने हैं पेपर हमको प्रश्नों की झड़ियां बरसे भारी।
घबराहट कैसी संकोच छोड़े...
निवेदन | Kavita Nivedan
निवेदन
( Nivedan )
निवेदन है
धरा से
मत हो
वीराना ,
अरदास है
ईश से
भूलें न
कृपाना,
आह्वान है
आकाश सै
रंग नीलिमा
न बदलना,
गुजारिश है
बादलों से
वर्षा अमृत
न भूलना,
आरजू है
आदमी से
आदिमकाल
न जाना।शेखर कुमार श्रीवास्तव
दरभंगा(...