उफ़! ये क्या किया | Kahani Ye Kya Kiya

चारों तरफ पुलिस ही पुलिस दिखाई दे रही थी। शाम तक तो सब ठीक था आखिर सुबह यह क्या हो गया? कॉलोनी में आखिर...

महावीर जयंती | Kavita Mahavir Jayanti

महावीर जयंती ( Mahavir Jayanti )   जीओ जीने दो परम पावन प्रवचन पीओ पीने दो परम पावन प्रवचनजीओ जीवन पीओ ग़म हरदम प्यारे अहि़सा परमो धर्म परम...

त्रिकालदर्शी बाबा | Kahani Trikaldarshi Baba

भारतीय समाज में पाखंड और अंधविश्वास इतना फैला है कि कौन सच्चा कौन झूठा इसका निराकरण करना बड़ा मुश्किल है। ऐसे लोग समाज में...

कर्मों का खेल | Kahani Karmo ka Khel

उम्र लगभग 80 पार हो चुकी थी। कमर झुकी हुई थी फिर भी बैठे-बैठे वह बर्तन धुल रहे थी। उसके इतनी भी हिम्मत नहीं...

अछूतो का भगवान | Kahani Achuto ka Bhagwan

चारों तरफ मैले कुचैले कपड़े पहने बच्चे दिखाई दे रहे थे । बदबू ऐसी आ रही है कि एक-दो मिनट बैठना मुश्किल है ।...

रंग | Kahani Rang

कमर के नीचे मिनी स्कर्ट ,छह इंच ऊँची एड़ी को सेंडिल , कीमती जेवर ,चार इंच पेट दिखाती लाल रंग की टॉप और होठो...

भूत एक वहम | Kahani Bhoot ek Waham

वर्तमान समय में देखा जाए तो भूत प्रेत की मान्यता से लगभग सारा संसार जकड़ा हुआ है। किंतु भूत प्रेत आदि क्या है? कैसे...

जंगल मे | Laghu Katha Gungle Mein

कोई एक शब्द भी नहीं बोलेगा। मैने अभी-अभी किसी बाघ की आहट सुनी है और उसके पैरों के ताजा निशान देखकर आ रहा हूं,...

कहाँ तक | Kahani Kahan Tak

"  हलो ..भाई साहब , आप मेजर गौरव शर्मा बोल रहे है न ? ओके , मैं लाहौर से मरियम रहमान बोल रही हूँ...

कैसे-कैसे योगी | Kahani Kaise Kaise Yogi

चारों तरफ भीड़ ही भीड़ थी। सबके मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि चमत्कार हो गया ।ऐसा चमत्कार तो मैंने देखा...