The Heartfulness Way

इन दिनों मैंने पढ़ा

वह अद्भुत हैं यह पुस्तक वी के सोमकुमार द्वारा रचित पी राजगोपालाचारी के यात्रा वृत्तांत पर आधारित है। इस पुस्तक में कोई सद्गुरु कैसे अपने सामान्य जीवन के माध्यम से अपने शिष्यों के प्रति संवेदनशील होता है जैसे विषयों को बहुत ही सहजता के साथ अभिव्यक्त किया गया है। पुस्तक में अपने सद्गुरु के साथ…

hindi saptah ka shri ganesh

राष्ट्रीय साक्षरता दिवस से हिंदी सप्ताह का श्रीगणेश

राष्ट्रीय साक्षरता दिवस से हिंदी सप्ताह का श्रीगणेश माता भारती के भाल पर स्वर्णिम सजी बिंदी। वो है समृद्धशाली राष्ट्र का गौरव मेरी हिंदी।। छिन्दवाड़ा :- साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन की इकाई पाठक मंच (बुक क्लब) छिंदवाड़ा द्वारा राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर हिंदी सप्ताह का आगाज करते हुए…

कैनवस के पास : प्रेम-सम्बन्ध से शून्य तक की यात्रा

कैनवस के पास : प्रेम-सम्बन्ध से शून्य तक की यात्रा

जसप्रीत कौर फ़लक़ के सद्यप्रकाशित काव्य-संकलन ‘कैनवस के पास’ गद्य-पद्य में काव्यार्चन के सुवासित पुष्प लेकर हिंदी साहित्य जगत में उपस्थित है। स्नेह-सुवासित इस संग्रह के काव्य-सुमन ह्र्दयक्षेत्र को आप्लावित करते हैं। यहाँ प्रेमजल से सिंचित मन भावनाओं के अनेक इंद्रधनुष खिलाता है। प्रेमजन्य पीड़ा भी कवयित्री ने कविताओं में व्यक्त की है और यही…

प्रकृति व स्त्री विमर्श

पुस्तक समीक्षा : ” प्रकृति व स्त्री विमर्श “

पुस्तक समीक्षा:“प्रकृति व स्त्री विमर्श ” लेखिका: डॉक्टर सुमन धर्मवीर प्रकाशक: पुष्पांजलि विगत दिनों से जब से यह पुस्तक मेरे हाथ में समीक्षा के लिए आई है। तब से मेरे मन में सबसे पहले इसके टाइटल को लेकर कौतुहल था। प्रकृति तो प्रकृति है पर इसके साथ स्त्री विमर्श का क्या औचित्य है। खैर थोड़ी…

girmitiya mahakavya

कल्पना लालजी के गिरमिटिया महाकाव्य में भारतीय संस्कृति और परिवेश बोध – डॉ. राजेश कुमार ‘माँझी’

हम सभी जानते हैं कि बीसवीं सदी में अनेक भारतीय लोगों को कैरेबियन देशों अर्थात् फिज़ी, मौरिशस, सूरिनाम, गयाना, त्रिनिडाड आदि देशों में शर्तबंदी प्रथा के अंतर्गत भारत से ले जया गया जिन्हें गिरमिटिया मज़दूर के नाम से जाना जाता है । वे सशरीर भले ही विदेशों में रहे परंतु उनका मन भारत की सभ्यता,…

Fiji me Hindi

फ़ीजी में हिन्दी : “विविध प्रसंग”

बिहार की मिट्टी में जन्में ‘डॉ. राजेश कुमार माँझी’ का नाम गिरमिटिया लेखन के लिए साहित्य में एक जाना पहचाना नाम है। आप उप निदेशक ( राजभाषा) इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार में भी कार्यरत रहे हैं वर्तमान में आप दिल्ली के जामिया मिल्लिया में हिन्दी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं ।…

प्रकृति व स्त्री विमर्श

“स्त्री व नारी विमर्श”: नारी सशक्तिकरण की प्रेरणादायी कहानियों का संग्रह

नारी प्रधान कहानियां डॉ सुमनधर्म वीर द्वारा लिखी गई किताब “स्त्री व नारी विमर्श” हमने पढ़ी । यह किताब बहुत ही अच्छी तरह से लिखी गई है। क्योंकि इस किताब में नारी प्रधान कहानियां हैं । किस तरह से हमारा समाज एक नारी को देखता है चाहे वह अपने मायके में रहे या ससुराल में…

प्रकृति व स्त्री विमर्श

सामाजिक एवं धार्मिक विद्रूपताओं का प्रकटीकरण

पुस्तक समीक्षा पुस्तक: प्रकृति व स्त्री विमर्श लेखिका: डॉ सुमन धर्मवीर प्रकाशक: पुष्पांजलि दिल्ली 110053 मूल्य: 445 रुपए मात्र नाटक समीक्षक: डॉक्टर कश्मीरी बौद्ध (साहित्यकार एवं प्रोफेसर रोहतक) लेखिका परिचय: डॉ सुमन धर्मवीर का लेखन व सामाजिक क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है ।उनके द्वारा रचित अनेक कहानियां, कविताएं नाटक एवं लेख भी विभिन्न पत्र…

प्रकृति व स्त्री विमर्श

“प्रकृति व स्त्री विमर्श”: स्त्रीत्व की नई रचना, डॉक्टर सुमन धर्मवीर की कलम से

डॉक्टर सुमन धर्मवीर जी की पुस्तक – “प्रकृति व स्त्री विमर्श “ पढना शुरु किया — लेखिका के लेखन मे प्राण है। नया जीवन है—- 🙏🏻🙏🏻 मन लग जाता है पढते पढते। ऐसा है जीवन्त लेखन लेखिका का— 🙏🏻🙏🏻 बहूत अच्छा लिखती हैं सामाजिक परिवेश पर। लेखिका के लेखन को हम नमन करते है। अंधकार…

शोषित समाज के प्रति चिंता प्रधान ग़ज़ल-संग्रह:-  “ज़िन्दगी अनुबंध है”

शोषित समाज के प्रति चिंता प्रधान ग़ज़ल-संग्रह:- “ज़िन्दगी अनुबंध है”

आज मैं बहुत खुश हूं कि लीक से हटकर लिखी गईं आर. पी. सोनकर जी की ग़ज़लें पढ़ रही हूं । हम देखते हैं कि पारंपरिक ग़ज़लों में प्रेम , मोहब्बत,और विरह की शायरी होती है । क्योंकि शे’रो – शायरी ज्यादातर समृद्ध वर्ग के लोग ही लिखते आए हैं और उन्होंने सामाजिक न्याय, समता…