परंपरा | Kavita Parampara
परंपरा
( Parampara )
यह कैसी परंपरा आई, दुश्मन हो रहे भाई-भाई।
घर-घर खड़ी दीवारें घनी, मर्यादा गिर चुकी खाई।
परंपराएं वो होती, संस्कारों की जलती ज्योति...
मां पर प्यारी सी कविता
मां पर प्यारी सी कविता
ऐ टूटते हुए तारे दुआ कबूल तो करो मेरी
मेरी माँ को मेरे सामने सलामत सदा रखना||
हँसते मुस्कुराते चेहरे आँखों की...
शाश्वत प्रश्न | Kavita Shaswat Prashn
शाश्वत प्रश्न
( Shaswat Prashn )
मैं कौन हूं आया कहां से
हूं यहां !
यह नहीं मालूम, है पुन:
जाना कहां !!
किसलिए हैं आए जगमें,
और फिर क्यौं...
लोकतंत्र अभयदान | Kavita loktantra Abhaydan
लोकतंत्र अभयदान
लोकतंत्र अभयदान,शत प्रतिशत सही मतदान
मतदान लोकतांत्रिक व्यवस्था,
सशक्त नागरिक अधिकार ।
अवसर सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व चयन,
राष्ट्र भविष्य अनूप श्रृंगार ।
योग्य दक्ष आदर्श प्रतिनिधि,
सहर्ष प्राथमिकता सदा आह्वान।
लोकतंत्र...
मां की ममता मां का प्यार
मां की ममता मां का प्यार
( 2 )
सच है मां सबसे प्यारी है
मां सारे जग से न्यारी है
मां बिना कोई रह न पाए
ठोकर लगे...
झेल का खेल | Kavita Jhel ka Khel
झेल का खेल
( Jhel ka Khel )
मैं झेल रहा हूं
तुम भी झेलो!
झेल का खेल,
उन्नति की सीढ़ी है!
कितने उच्च विचारों की
देखो आज की पीढ़ी...
मत प्रणय अनंत | Kavita Mat Pranay Anant
मत प्रणय अनंत
( Mat Pranay Anant )
मत प्रणय अनंत, ई वी एम को निहार कर
लोकतंत्र नव यौवन अंगड़ाई,
मतदाता उर भाव नवल ।
उत्सविक प्रभा...
हम सबके सियाराम
हम सबके सियाराम
विराजे अयोध्या धाम देखो
हम सबके सियाराम ।
गर्वित हो गया हिंदोस्तान
देखो हम सबके सियाराम ।
मर्यादा का पालन करते दोष दूसरो पर न धरते...
नव-सभ्यता | Kavita Nav Sabhyata
नव-सभ्यता
( Nav Sabhyata )
नव सभ्यता की
मजार में
फटी चादर का
रिवाज है
आदिम जीवन की
आवृत्ति में
शरमों -हया की
हत्या है
प्रेम-भाव के
विलोपन में
तांडव का
नर्तन है
मशीनी मानव की
खोज में
मां-बेटियां
नीलाम...
राम मंदिर महोत्सव | Kavita Ram Mandir Mahotsav
राम मंदिर महोत्सव
सुन लो सुन लो सारे जग वालों, आपस में लड़ने वालों,
रहो ईमान से।
राम आए हैं बताने ये जहान से।। राम मंदिर
बना है...