अब बेटियांँ भी कंधे देने लगी है सच मानो
अब बेटियांँ भी कंधे देने लगी है सच मानो
अब बेटियांँ भी कंधे देने लगी है सच मानो
बेटे नहीं हैं तो क्या बेटी को ही...
युद्ध के दौरान कविता | Yuddh ke Dauran Kavita
युद्ध के दौरान कविता
( Yuddh ke Dauran Kavita )
रात के प्रवाह में बहते हुए अक्सर
अचेत-सा होता हूं
छूना चाहता हूं --
दूर तैरती विश्व-शांती की...
स्मृति शेष | Kavita Smriti Shesh
स्मृति शेष
( Smriti Shesh )
हे धरा के पंथी नमन तुम्हें
हे धरा के पंथी नमन तुम्हें
घर छूटा मिला गगन तुम्हें।
तुम चले गए हमें छोड़कर
कहे...
सबको मतदान करना पड़ेगा | Purnika Sabko Matdan Karna Padega
सबको मतदान करना पड़ेगा
बात मानो हमारी सारी जनता।
वोट डालने तो जाना पड़ेगा।।
ये जो अधिकार सबको मिला है।
यही कर्तव्य निभाना पड़ेगा।।
चाहे लाखों हों काम वोट...
नारी मन | Kavita Nari Man
नारी मन
( Nari Man )
नारी मन, प्रेम का दिव्य दर्पण
परम माध्य सृष्टि सृजन,
परिवार समाज अनूप कड़ी ।
सदा उत्सर्गी सोच व्यंजना,
पर आनंद हित सावन...
चुनाव परीक्षा पर्व | Kavita Chunav Pariksha Parv
चुनाव परीक्षा पर्व
( Chunav Pariksha Parv )
कल चुनाव परीक्षा पर्व है
हमारा आप पर गर्व हैतैयारी करो तन मन से
उत्तीर्ण होना परीक्षा पर्व हैमानस बना...
सफर का अकेलापन | Kavita Safar ka Akelapan
सफर का अकेलापन
( Safar ka Akelapan )
भीड़ में भी अकेला हूं
अकेले में भी भीड़ बहुत है
इसे कहूँ बाजार, या तन्हाई
या कहूँ अकेलापन!
कोई पढ़...
बंजारा की दो नयी कविताएँ
बंजारा की दो नयी कविताएँ
( 1 )
देवता कभी
पत्थरों में खोजे गये और तराशे गयें
देवता कभी
मिट्टी में सोचे गये और ढ़ाले गयें
देवता कभी
प्लास्टिक में देखे...
हनुमान जयंती | Kavita Hanuman Jayanti
हनुमान जयंती
( Hanuman Jayanti )
बल बुद्धि विद्या वृष्टि, हनुमंत साधना भक्ति सेकलयुग साक्षात देव अनुपमा,
भक्तजन सर्व दुःख कष्ट हर्ता ।
अनंत सद्य मंगल फलदायक,
कर्म...
आसमान तक पहुंच हो
आसमान तक पहुंच हो
आसमान तक पहुंच हो, धरती पर हो पांव।
कर लो शुभ कर्म ऐसे, रोशन हो जाए गांव।
कीर्ति पताका नभ छाए, दुनिया में...