चहक चिट्ठी की | Chithi par Chhand

चहक चिट्ठी की ( Chahak chithi ki )मनहरण घनाक्षरी   जब भी डाकिया आता, पत्रों का पिटारा लाता। चिट्ठियों का इंतजार, बेसब्री से करते हैं।   भावन उर उमंगे, जगे चहक चिट्ठी की। गांव...

आइए प्रभु आइए | Chhand

आइए प्रभु आइए ( Aaiye Prabhu Aaiye )मनहरण घनाक्षरी छंद   लबों की हो मुस्कान भी पूजा और अजान भी अंतर्यामी प्रभु मेरे दौड़े-दौड़े आइए   जग पालक स्वामी हो हृदय अंतर्यामी हो हाल...

दर्पण | Darpan par Chhand

दर्पण ( Darpan )   गोरा गोरा गाल गोरी, दर्पण रही निहार। सांवरी सूरत मोहि, मोहन रिझाइए। हाथों में ले गगरिया, गांव चली गुजरिया। दर्पण सा मन मेरा, प्रियतम आइए। चाल...

ठिठुरन | Thithuran par chhand

ठिठुरन ( Thithuran )   सर्द हवा ठंडी ठंडी, बहती है पुरजोर। ठिठुरते हाथ पांव, अलाव जलाइए। कोहरा ओस छा जाए, शीतलहर आ जाए। कंपकंपी बदन में, ठंड से बचाइए। सूरज...

समांं महका दो आज | Chhand

समांं महका दो आज (  मनहरण घनाक्षरी छंद )   गीतों का सजाओ साज समां महका दो आज झड़ी बरसाओ ऐसी धूम होनी चाहिए   खूब गाओ छंद गीत मुक्त कंठ नव गीत रस...

मानव तन | Manav tan | Chhand

मानव तन ( Manav tan )मनहरण घनाक्षरी    नश्वर सी यह काया, तन को हमने पाया। देह गात स्वरूप को, दाग ना लगाइए।   कंचन सी काया मिली, पंचतत्वों का शरीर। मानव तन भाग्य...

जुल्म की इंतेहा | Zulm ki inteha | Chhand

जुल्म की इंतेहा ( Zulm ki inteha )   मनहरण घनाक्षरी   जुल्मों सितम ढहाए, नयनों में नीर लाए। बेदर्दी लोग जुलमी, दिल को जला गए।   पत्थर दिल वो सारे, जिनके नखरे न्यारे। अपना बनाके...

स्नेह तिलक | Hindi mein chhand

स्नेह तिलक ( Sneh Tilak ) भाई बहन का प्यार, भैया दूज का त्यौहार। लाया खुशियां अपार, तिलक लगाइए।   अक्षत रोली ले आई, खूब जियो मेरे भाई। महके भैया संसार, खुशियां मनाइए।   वैभव...

उलझन भरी जिंदगी | Zindagi par chhand

उलझन भरी जिंदगी ( Uljhan bhari zindagi )    संघर्षों से भरी जिंदगी, उलझन सी जिंदगी। हौसला बुलंद कर, नेह बरसाइए। राहें कठिन हो चाहे, पथ आंधी तूफां आए। लक्ष्य साध गीत प्यारा, तराना...

गाँव | Gaon par chhand

गाँव ( Gaon )मनहरण घनाक्षरी   टेडी मेडी पगडंडी, खलिहानों की वो क्यारी। ठंडी-ठंडी बहारों में, गांव चले आइए।   मीठे मीठे बोल मिले, सद्भाव प्रेम गांव में। हरे भरे पेड़ पौधे, ठंडी छांव...