
नेता जी!
( Netaji)
!! विनम्र श्रद्धांजलि!!
( धरती -पुत्र मुलायम सिंह जी को! )
लोहिया कै रहिया के देखाई अब नेताजी,
यूपी की नइया के बचाई अब नेताजी।
अमवाँ की बगिया से उड़ गयल सुगनवाँ,
रोई- रोई बेहाल भयल सगरो जहनवाँ।
सागर से मोतिया के ले आई अब नेताजी,
यूपी की नइया के बचाई अब नेताजी
लोहिया कै रहिया के देखाई अब नेताजी।
दबल- कुचलल के कलेजवा से लगाउल्या ,
पिछड़न कै चुल्हिया तक रोटी पहुँचउल्या।
अँसुवन गरीब के पोंछूँ अब के नेताजी,
यूपी की नइया के बचाई अब नेताजी
लोहिया कै रहिया के देखाई अब नेताजी।
लखनऊ से दिल्ली तक संभालला जिम्मेदरिया,
इस्पात जैसे सिनवाँ से खेलला तूहीं परिया।
क्रांतिदूत बनि हैं अखिलेश कइसे नेताजी,
यूपी की नइया के बचाई अब नेताजी,
लोहिया कै रहिया के देखाई अब नेताजी।
लेखक : रामकेश एम. यादव , मुंबई
( रॉयल्टी प्राप्त कवि व लेखक)
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