शिकायत न शिकवा | Ghazal Shikayat na Shikwa
शिकायत न शिकवा
( Shikayat na Shikwa )
चलो अब रहा तुम से वादा हमारा,
पलटकर ना तुमको देखेंगे दोबारा !
मुसीबत में डाले खुदी को खुद...
चुनावी दंगल | Kavita Chunavi Dangal
चुनावी दंगल
( Chunavi dangal )
देश चुनावी दंगल
की चपेट में
भाषणों,वायदों,कसमों
के लपेट में
मग्न हैं
नेतागण लहरदार ।
जनता सुन रही
मनभावन सम्बोधन
टकटकी लगाए बैठे
स्वप्नदर्शी की तरहा
चुनावी हलचल की
दलदल से...
वतन की ख़ातिर | Watan ki Khatir
वतन की ख़ातिर
( Watan ki Khatir )
वतन की ख़ातिर लड़ने चले हम
मुहब्बत देश से इतनी करे हम
मिटे देंगे अदू अपने वतन के
अमन के...
समय के साथ | Kavita Samay ke Sath
समय के साथ
( Samay ke Sath )
रहता है वक्त जब मुट्ठी में
तब बढ़ जाता है अभिमान
कुंजी ताली हाथ में अपने
दुनिया लगती धूल समान
बदल...
मेघवाल समाज | Meghwal Community
मेघवाल समाज
मेघवाल क़ौम बड़ी मेह़़नतकश अध्यात्मिक दयालू प्रवृति की सादगी पसंद हुनरमंद रही है पुरूष ऊनी सूती की बुनाई का काम एंव यदाकदा चमड़े...
श्रीगोपाल नारसन की कविताएं | Shreegopal Narsan Hindi Poetry
विश्वास
विश्वास जगत मे पाना है
सबको अपना बनाना है
हर चेहरे पर हो खुशी
ऐसा अपनत्व निभाना है
खाने लगे आपकी कसम
ऐसा आचरण अपनाना है
गैर शब्द की जगह...
बदलते परिवार | Badalte Parivar
परिवार का सही मतलब तो पहले समझ में आता था। आजकल तो परिवार चार दिवारी में "हम दो हमारे दो" के बीच में सिमट...
रंग | Kahani Rang
कमर के नीचे मिनी स्कर्ट ,छह इंच ऊँची एड़ी को सेंडिल , कीमती जेवर ,चार इंच पेट दिखाती लाल रंग की टॉप और होठो...
बेटे भी दहलीज छोड़ चले
बेटे भी दहलीज छोड़ चले
ऊंची शिक्षा पाने को जो रुख हवा का मोड़ चले।
बेटियों की बात नहीं बेटे भी दहलीज छोड़ चले।
कोचिंग क्लासेज हॉस्टल...
हे! माॅं | Kavita Hey Maa
हे! माॅं
( Hey Maa )
हे मां आ जा तू फिर से
तेरे आंचल में छिप जाऊं ,
मैं बैठ गोंद में तेरे
फिर देख तुझे मैं...