शिव पार्वती

( Shiva Parvati )

 

हो रहे विवाहितआज बाबा भोले
आनंदित हुए संग पार्वती
सजा महल हिमालय राज का
सुर असुर सब बने बाराती

शिव संग शक्ति मिलन परम
जीवन का यही उत्तम धरम
दिन ब्रह्मांड के एकाकार का
रूप शाश्वत प्रभु के साकार का

आदि भी शिव ,अंत भी शिव
अणु भी शिव संपूर्ण भी शिव
शिव ही पार्वती पार्वती ही शिव
फिर भी कहलाते पार्वती और शिव

दिन आज का है यह परम पुनीत
मधुर मिलन की है जगत रीत
मानव धर्म की यही उच्च शिक्षा
प्रेम अखंड ,रहे राजपद या भिक्षा

जन्म-जन्मांतर का एक मिलन
शिव गौरा का यह सत्य उदाहरण
माया बदले चाहे काया बदले
सत्य प्रेम ही करता प्रेम वरुण

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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