हमरा आँखी में लोर के जहान बाटे | Bhojpuri Kavita Hamra...
हमरा आँखी में लोर के जहान बाटे
जेकरा बाटे खाके पी के उतान बाटे
आ हमरा घर में नून ना पिसान बाटे।
केहू बाकि अंगूरी से चान...
शाश्वत प्रश्न | Kavita Shaswat Prashn
शाश्वत प्रश्न
( Shaswat Prashn )
मैं कौन हूं आया कहां से
हूं यहां !
यह नहीं मालूम, है पुन:
जाना कहां !!
किसलिए हैं आए जगमें,
और फिर क्यौं...
भूलना अच्छा लगता है | Geet Bhulna Acha Lagta Hai
भूलना अच्छा लगता है
( Bhulna Acha Lagta Hai )
वो काली अंधियारी रातें, अपनों की तीरों सी बातें।
रह रहकर दर्द दे जाए, संकट में...
ऐ मेरे गाँव | Aye Mere Gaon
ऐ मेरे गाँव
( Aye Mere Gaon )
ऐ मेरे गाँव की रौशन गलियाँ तुम यूँही मेरी राहें तकना,
हाँ हम लौटके आएंगे ज़रूर, तुम आँखें...
गर्म हवाएं | Kavita Garm Hawayen
गर्म हवाएं
( Garm Hawayen )
बह रही हवाएं गर्म हैं
मुश्किल है लू से बचकर रहना
एक छत हि काफी नहीं
तुम भी जरा संभलकर चलना
उमस भरा...
नया दौर | Kavita Naya Daur
नया दौर
( Naya Daur )
इतना बेरुख जमाना हो गया
मुसकुराना तक गुनाह हो गया
जजबातों का जमाना अब कहां
हर इक शय अंजाना हो गया
खून की...
नव-सभ्यता | Kavita Nav Sabhyata
नव-सभ्यता
( Nav Sabhyata )
नव सभ्यता की
मजार में
फटी चादर का
रिवाज है
आदिम जीवन की
आवृत्ति में
शरमों -हया की
हत्या है
प्रेम-भाव के
विलोपन में
तांडव का
नर्तन है
मशीनी मानव की
खोज में
मां-बेटियां
नीलाम...
नारी मन | Kavita Nari Man
नारी मन
( Nari Man )
नारी मन, प्रेम का दिव्य दर्पण
परम माध्य सृष्टि सृजन,
परिवार समाज अनूप कड़ी ।
सदा उत्सर्गी सोच व्यंजना,
पर आनंद हित सावन...
बहुतई कड़ाई बा | Kahani Bahut Kadai ba
"आपको पता है योगी जी के राज चल रहा है। योगी जी के राज में बहुतई कड़ाई है। हमही अकेले नहीं खाइत है। बाबू...
स्मृति शेष | Kavita Smriti Shesh
स्मृति शेष
( Smriti Shesh )
हे धरा के पंथी नमन तुम्हें
हे धरा के पंथी नमन तुम्हें
घर छूटा मिला गगन तुम्हें।
तुम चले गए हमें छोड़कर
कहे...