शरीफ़ ख़ान की कविताएं | M.S. Khan Hindi Poetry
मां ईश्वर का वरदान
मां, ईश्वर का वो अपने अद्भुत वरदान,
जो हमें देती हैं प्यार और सम्मान।मां के कदमों में जन्नत नसीब होती है
जो हमे...
पर्यावरण दिवस | Hindi Poem on World Environment Day
पर्यावरण दिवस
पेड़-पौधे काटकर बैनर,पोस्टर बना रहे है,
संदेशो में जागरूकता अभियान चला रहे है ।
विलासिता पूर्ण जीवन जीने की चाहत में,
हम प्राकृतिक सम्पदा को नित मिटा...
पुल- विश्वास का
पुल- विश्वास का
पहले
हमारे बीच बहुत गहरा रिश्ता था
प्रेम की नदी पे बने
विश्वास के पुल की तरह
उस पुल से हम
देखा करते थे
कभी इन्द्र धनुष के...
सब्ज़ीवाला और नेता | Kahani Sabjiwala aur Neta
हमारी कालोनी की दो औरतें मिसेज़ शर्मा और मिसेज़ वर्मा गली में खड़ी होकर बातें कर रही थीं ।
"...और मिसेज़ शर्मा जी अबकी बार...
ज़िंदगी बदरंग है | Ghazal Zindagi Badrang Hai
ज़िंदगी बदरंग है
( Zindagi Badrang Hai )
नफ़रतों से प्यार की अब जंग है
हर ख़ुशी से ज़िंदगी बदरंग है
अंजुमन में कुछ हुआ ऐसा यहाँ
देखके...
अधिकारी | व्यंग्य रचना
अधिकारी
( Adhikari )
अधिकारी
देश की ला-इलाज
बीमारी!
काम नहीं कौड़ी का
पगार चाहिए
ढेर सारी!
मिली-भगत से इनके ही
भ्रष्टाचार है
जारी!
हर तरफ यही नज़ारा है
कोई भी हो विभाग
सरकारी!
छोड़ दे, छोड़ दे
धन...
मुस्तकिल अंधेरा | Mustaqil Andhera
मुस्तकिल अंधेरा
( Mustaqil Andhera )
धीरे-धीरे अंधेरा गहराता जा रहा है,
हर शय को यह धुंधलाता जा रहा है,
दुनिया की हर रंगत स्याह हो रही...
आत्मविश्वास | Kavita Atmavishwas
आत्मविश्वास
( Atmavishwas )
आत्म विश्वास है जीवन के संघर्षों को हराकर जीतने का संकल्प।
आत्मा की अनन्य शक्ति, आत्मा को शिखर तक पहुंचाने का प्रकल्प।।
जीवन...
उफ़! ये क्या किया | Kahani Ye Kya Kiya
चारों तरफ पुलिस ही पुलिस दिखाई दे रही थी। शाम तक तो सब ठीक था आखिर सुबह यह क्या हो गया? कॉलोनी में आखिर...
परंपरा | Kavita Parampara
परंपरा
( Parampara )
यह कैसी परंपरा आई, दुश्मन हो रहे भाई-भाई।
घर-घर खड़ी दीवारें घनी, मर्यादा गिर चुकी खाई।
परंपराएं वो होती, संस्कारों की जलती ज्योति...