जब इश्क का फूल खिलता है
जब इश्क का फूल खिलता है
दिल के गुलशन जब इश्क का फूल खिलता है,
बदन का अंग-अंग, रोम-रोम हिलने लगता है !
भटकता जब मन बैचेन...
सामाजिक एवं धार्मिक विद्रूपताओं का प्रकटीकरण
पुस्तक समीक्षा
पुस्तक: प्रकृति व स्त्री विमर्श
लेखिका: डॉ सुमन धर्मवीर
प्रकाशक: पुष्पांजलि दिल्ली 110053
मूल्य: 445 रुपए मात्रनाटक समीक्षक: डॉक्टर कश्मीरी बौद्ध (साहित्यकार एवं प्रोफेसर रोहतक)लेखिका परिचय:...
पदचिन्ह | Kavita Padachinh
पदचिन्ह
( Padachinh )
पदचिन्हों का जमाना अब कहां
पदलुपतों का जमाना अब जहां
परमसत्ता को शब्द-सत्ता से च्युत
करने की साजिश है जहा
तिनका-तिनका जलेगा मनुज
अपने ही कर्मों...
विपदाओं के चक्रव्यूह
विपदाओं के चक्रव्यूह
बाधाएं तो आतीं हैं, औ
आगे भी आएंगी !
अविचल बढ़ो मार्ग पर अपने
खुद ही मिट जाएंगी !!
विकट समस्याओं के सम्मुख
तुम तनिक नहीं घबराना...
आपन तेज सम्हारो आपै
आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक ते कापै अर्थात जो अपनी शक्ति को संभाल लेता है उसकी शक्ति के प्रताप से तीनों लोकों...
मन तो मन है | Kavita Man to Man Hai
मन तो मन है
( Man to Man Hai )
मन तो मन है, पर मेरे मन!
मान, न कर नादानी।
वल्गाहीन तुरंग सदृश तू,
चले राह मनमानी।
रे मन!
मान,...
ओम प्रकाश लववंशी की कविताएं | Om Prakash Lovevanshi Hindi Poetry
संघर्षरत
हम संघर्ष कर रहे हैं न
हार कर चुप तो नहीं बैठे,
फिर ज्यादा ज्ञान क्यों बाँटते
हमसे नहीं सुना जाता….।
हाँ, हो जाती हैं गलतियाँ सबसे
मनुष्य हैं,...
पतझड़ में होती, रिश्तों की परख
पतझड़ में होती, रिश्तों की परख
मनुज जीवन अद्भुत प्रेहलिका,
धूप छांव सदा परिवर्तन बिंदु ।
दुःख कष्ट सुख वैभव क्षणिक ,
आशा निराशा शाश्वत सिंधु ।
परिवार समाज...
अरुणोदय | Kavita Arunoday
अरुणोदय
( Arunoday )
सूरज ने अरूणिम किरणों से
वातायन रंग डाला !
लगे चहकने पंछी नभ में
अनुपम दृश्य निराला !!
ताल तलैया नदी सरोवर
मिल स्वर्णिम रस घोले!
लगे...
खुश लोक सभागार में गूंजे शब्दों की तालियां, शायर विनय सागर...
शुभम मैमोरियल साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ने कविसम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन शायर विनय साग़र जायसवाल (मेरी ) अध्यक्षता में ख़ुश लोक सभागार...