मन तो मन है | Kavita Man to Man Hai

मन तो मन है ( Man to Man Hai ) मन तो मन है, पर मेरे मन! मान, न कर नादानी। वल्गाहीन तुरंग सदृश तू, चले राह मनमानी। रे मन! मान,...

ओम प्रकाश लववंशी की कविताएं | Om Prakash Lovevanshi Hindi Poetry

संघर्षरत हम संघर्ष कर रहे हैं न हार कर चुप तो नहीं बैठे, फिर ज्यादा ज्ञान क्यों बाँटते हमसे नहीं सुना जाता….।   हाँ, हो जाती हैं गलतियाँ सबसे मनुष्य हैं,...

पतझड़ में होती, रिश्तों की परख

पतझड़ में होती, रिश्तों की परख मनुज जीवन अद्भुत प्रेहलिका, धूप छांव सदा परिवर्तन बिंदु । दुःख कष्ट सुख वैभव क्षणिक , आशा निराशा शाश्वत सिंधु । परिवार समाज...

अरुणोदय | Kavita Arunoday

अरुणोदय ( Arunoday )   सूरज ने अरूणिम किरणों से वातायन रंग डाला ! लगे चहकने पंछी नभ में अनुपम दृश्य निराला !! ताल तलैया नदी सरोवर मिल स्वर्णिम रस घोले! लगे...

खुश लोक सभागार में गूंजे शब्दों की तालियां, शायर विनय सागर...

शुभम मैमोरियल साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ने कविसम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन शायर विनय साग़र जायसवाल (मेरी ) अध्यक्षता में ख़ुश लोक सभागार...

क्यो अख़बार हुए सफल? जबकि ढेर लगी हैं चैनलों की

आज बेटे का जन्मदिन हैं। सुबह-सुबह उसे अख़बार पढ़ते देख, याद आया की आज तो 3 मई हैं! यानी विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस, उसके...

क्योंकि वो मां थी | Kahani Kyonki wo Maa Thi

घर में सन्नाटा छाया हुआ था। सभी एक दूसरे का मुंह देख रहे थे। कोई किसी से कुछ बोल नहीं रहा था । अब...

पूर्ण विराम अंत नहीं | Kavita Purn Viram

पूर्ण विराम अंत नहीं ( Purn Viram Ant Nahi )   पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है सकारात्मक सोच प्रशस्त, नवल धवल अनुपम पथ । असफलता...

पतझड़ सावन बन जाता है | Geet Patjhad

पतझड़ सावन बन जाता है दुआओं से झोली भरकर जब जीवन मुस्कुराता है। सारी बलाएं टल जाती पतझड़ सावन बन जाता है। पतझड़ सावन बन जाता है रोज...

“प्रकृति व स्त्री विमर्श”: स्त्रीत्व की नई रचना, डॉक्टर सुमन धर्मवीर...

डॉक्टर सुमन धर्मवीर जी की पुस्तक - "प्रकृति व स्त्री विमर्श " पढना शुरु किया --- लेखिका के लेखन मे प्राण है। नया जीवन है---- 🙏🏻🙏🏻 मन लग जाता...