Monthly Archives: September 2020

धूप उल्फ़त लेकर उगा सूरज | Suraj Shayari

धूप उल्फ़त लेकर उगा सूरज  ( Dhoop ulfat lekar uga suraj )    धूप उल्फ़त लेकर उगा सूरज नफ़रतों का वो ढ़ल गया सूरज  दूर करके अंधेरे नफ़रत के प्यार...

मृत्युबोध | Mrityu Bodh par Kavita

मृत्युबोध ( Mrityu Bodh )   कुछ धुंवा से द्वंद मंडराने लगे हैं। मृत्यु तत्व महत्व समझाने लगे हैं।। ऐषणाओं से सने, जीवन से मुक्ति, बन मुमुक्षु अन्यथा, है मृत्यु...

शान तिरंगे की | Tiranga par kavita

शान तिरंगे की ( Shaan tiranga ki )    सबसे ऊंची आज जगत् में शान तिरंगे की । वर्षों बाद लौटी है पहचान तिरंगे की।।   अब बीच खङी ये नफ़रत की दीवार...

सच कहे प्यार से जिंदगी लुट रही | Ghazal Pyar se...

सच कहे प्यार से जिंदगी लुट रही ( Sach kahe pyar se zindagi loot rahi )     सच कहे प्यार से जिंदगी लुट रही नफ़रतों में अपनी है...

15 अगस्त (कविता) | Hindi poem 15 August

15 अगस्त (कविता) ( Poem 15 August )   आज 15 अगस्त है। उत्साह जबरदस्त है।।  आओ यशोगान करें ऊंची इसकी शान करें। देशप्रेम पर कुछ कहने का आज सही वक्त है।।  गौरवशाली...

प्यार का दें दें उसे तू फूल | Ghazal Pyar ka...

प्यार का दें दें उसे तू फू ( Pyar ka de de use tu phool )     प्यार का दें दें उसे तू फूल मौक़ा देखकर उस हंसी...

संसार | Sansar par Kavita

संसार ( Sansar ) ईश्वर तेरे संसार का बदल रहा है रूप-रंग, देख सब हैं चकित और दंग। क्षीण हो रहा है वनों का आकार, जीवों में भी दिख...

छोड़कर साथ मेरा जाओ नहीं

छोड़कर साथ मेरा जाओ नहीं   छोड़कर साथ मेरा जाओ नहीं इस तरह से मुझे रुलाओ नहीं  अब हक़ीक़त में आओ सनम अब मेरे रोज़ यूं ख़्वाब में मेरे...

मां

मां   मां एक अनबूझ पहेली है, मां सबकी सच्ची सहेली है, परिवार में रहती अकेली है, गृहस्थी का गुरुतर भार ले ली है। ऐ मां पहले बेटी,फिर धर्मपत्नी, बाद में...

स्वर्ग-नर्क | Poem in Hindi on Swarg narak

स्वर्ग- नर्क ( Swarg - Narak )   स्वर्ग है या नर्क है कुछ और है ये। तूं बाहर मत देख तेरे ठौर है ये।। तेरे मन की हो...