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सइयाँ मुझको बनारस घुमाना | Poem Saiyan

सइयाँ मुझको बनारस घुमाना ! ( Saiyan mujhko banaras ghumana )    सुनों -सुनों सइयाँ मोहें गरवा लगाना, बात मेरी मानों बनारस घुमाना। लस्सी मैं पिऊँगी,गोलगप्पे भी खाऊँगी, सुबह -सुबह...

मैं अकेला इक काफिला हूं | Geet Main Akela

मैं अकेला इक काफिला हूं ( Main akela ek kafila hoon )    मैं अकेला इक काफिला हूं, चलता जाता मौज में। गीत रचता नित नया, काव्य शब्द...

ना चिट्ठी ना संदेश | Geet Na Chitthi na Sandesh

ना चिट्ठी ना संदेश कोई पिया चले गए परदेस ( Na chitthi na sandesh koi piya chale pardesh ) ना चिट्ठी ना संदेश कोई सनम चले...

बेसुरी बांसुरी | Kavita Besuri Bansuri

बेसुरी बांसुरी ( Besuri bansuri )  क्यों बनाते हो जीवन कोबेसुरी सी बांसुरीफूंक कर सांसों को देखोसुर भरी है राग री। चार  दिनों की चांदनी हैफिर अधेरी...

अपने अपने राम | Kavita Apne Apne Ram

अपने अपने राम ( Apne Apne Ram )    अपने अपने राम भजे सब मन में मोतीराम हुए। मार कुंडली रावण बैठा खुद ही राजा राम हुए। मर्यादा का...

जलेबी | Jalebi par Kavita

जलेबी ( Jalebi)    हुस्न-ओ-शबाब से कसी है जलेबी, गर्म आँच पे खूब तपी है जलेबी। तुर्को ने लाया भारत में देखो, लज्जत जिन्दगी की बढ़ाती जलेबी। व्यंग्य से भरी है...

सच्चा रिश्ता कौन सा | Geet Sachcha Rishta Kaun sa

सच्चा रिश्ता कौन सा ( Sachcha rishta kaun sa )   अपनापन सबको जताएं चेहरों पे मुस्कान लिए। प्यार का रिश्ता निभाएं खुशियों का पैगाम लिए। प्यार का रिश्ता...

मंदिर बनने वाला है | Kavita Mandir Banne Wala Hai

मंदिर बनने वाला है ( Mandir banne wala hai )    मन धीर धरो क्यो आतुर हो,अब शुभ दिन आने वाला है। साकेत की दिव्य धरा पर फिर...

जब जठराग्नि बोलती है | Geet Jab Jatharagni Bolti hai

जब जठराग्नि बोलती है (Jab jatharagni bolti hai )धरने प्रदर्शन होती हड़तालें सारी कुर्सियां डोलती है टूट जाता है बांध सब्र का जब जठराग्नि बोलती है जन...

खानाबदोश | Ghazal Khanabadosh

खानाबदोश ( Khanabadosh )   रहने लगे है आप भी खानाबदोश से लगता है आँख लड़ गयी खानाबदोश से   फानी बदन की चाह में जीवन न तू गवाँ सुनते है...