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समय के साथ साहित्य समाज बदलता है | Sahitya Samaj par...

समय के साथ साहित्य समाज बदलता है ( Samay ke sath sahitya samaj badalta hai )    वक्त के साथ बदल जाती है सब की जीवनधारा। समय के...

बिन चिता के ही चिता की सी तपन | Chita par...

बिन चिता के ही चिता की सी तपन ( Bin chita ke hi chita ki si tapan )    बिन चिता के ही चिता की सी तपन...

जिंदगी जब हम जीने लगे | Hindi Poem on Zindagi

जिंदगी जब हम जीने लगे ( Zindagi jab hum jeene lage )    जिंदगी जब हम जीने लगे गम के घूंट थोड़े पीने लगे अश्रु टपके नयन से हमारे अपनो...

मां | Maa ke Upar Poem

मां ( Maa )   मोती लुटाती प्यार के, ठंडी आंचल की छांव। सुख तेरे चरणों में, उमड़े आठों पहर। प्रेम की मूरत माता, तुम हो भाग्यविधाता। प्रथम गुरु जननी,...

असली हीरो | Hindi Laghu Katha

असली हीरो ( Asli Hero )   रीमा ट्रेन में बैठी अपने ख्यालों में खोई हुई थी तभी स्टेशन आया। एक आर्मी वाला अपने बच्चों और पत्नी...

आशिकी | Poem in Hindi on Aashiqui

आशिकी !   आजकल मुझको फिर से सताने लगे, रात को मेरे सपनों में आने लगे। मेरी चढ़ती जवानी का है ये असर, अपने घर का ही रस्ता भुलाने...

संत संगति | Kavita Sant Sangati

संत संगति ( Sant sangati )    सज्जन साधु संगत कर लो बेड़ा पार हो जाएगा। बिनु सत्संग विवेक नहीं उजियारा कैसे आएगा। संत सुझाए राह प्रेम की हरि...

गैरों में तुम अपने लगते हो | Geet Tum Apne Lagte...

गैरों में तुम अपने लगते हो ( Gairon mein tum apne lagte ho )    मनमोहक चितचोर कहूं, मस्त सुरीले सपने लगते हो। दिल के जुड़े तार प्रेम...

मुझे गुरूर है कि | Kavita Mujhe Guroor hai

मुझे गुरूर है कि ( Mujhe guroor hai ki )    मुझे गुरूर है कि मैं भारत देश का वासी हूं। लेखनी का दीप जलाता हरता हर उदासी...

औरत | Poem in Hindi on Aurat

औरत! ( Aurat )    घर को घर देखो बनाती है औरत, रंग - बिरंगे फूल खिलाती है औरत। न जाने कितने खेले गोंद में देवता, उम्रभर औरों के लिए...