हम दो | Hum Do
हम दो
( Hum do )
जहांँ हम दो हैं
वहीं है परिवार
सारा साज- श्रृंँगार
सुरक्षा और संस्कार।
जब साथ होते हैं
सुकून में भीगे-भीगे
लम्हात होते हैं
नेह का मेह बरसता...
जाति है कि जाती नहीं | Jati Pratha par Kavita
जाति है कि जाती नहीं
( Jati hai ki jaati nahin )
कई सारी ऐसी जातिया है जो यह जाती ही नही,
खुशियों के पलों को ये...
मेरे पिता जी | Mere Pitaji
मेरे पिता जी
( Mere pitaji )
मेरे पापा पं. श्री शिवदयाल शुक्ला जी की तृतीय पुण्यतिथि पर
उन्हीं की याद में.....
छोड़ के इस जगत् को आप,जाने...
इस्कॉन | Iskcon
इस्कॉन!
( Iskcon )
चलो ईश्वर को चलके देखते हैं,
एक बार नहीं, हजार बार देखते हैं।
सारी कायनात है उसकी बनाई,
आज चलो मुक्ति का द्वार देखते हैं।
सृजन...
पिता – एक कल्पवृक्ष | Pita ek kalpavriksha
पिता - एक कल्पवृक्ष
( Pita ek kalpavriksha )
अपनी कलम से छोटा सा साहस मैंने भी किया है,
पिता पर कुछ लिखने का प्रयास मैंने भी...
मेरे पापा | Mere Papa
मेरे पापा
( Mere Papa )
कहां चले गए हमें
यू अकेला छोड़ केकर पाते कुछ बातें
रिश्ते सारे तोड़ केबहतेआंखों के आंसू
क्यों नहीं अब पोछतेहंसते-हंसते चुपके से
हाथ...
पापा | Papa
पापा
( Papa )
वह झुके नहीं वो रुके नहीं
वह मेरी बातों पर देखो
हंसकर हां कर जाते थे l
गुस्सा होने पर मेरे कैसे
पास बुला समझाते थेl
सही...
हाँ मैं एक पुरुष हूं | Purush
हाॅं मैं एक पुरूष हूॅं
( Han main ek purush hoon )
हाॅं मैं एक पुरूष हूॅं,
मेरे परिवार की ज़रूरत हूॅं।
मैं क्रूर एवं उग्र नही शान्त...
गंगा जमुनी संस्कृति | Ganga Jamuni Sanskriti
गंगा - जमुनी संस्कृति!
( Ganga jamuni sanskriti )
लहू न जम जाए, मिलना चाहता हूँ,
बुलंदियों से नीचे उतरना चाहता हूँ।
घुट रही है दम आजकल के...
बुद्धिमती नारी | Buddhimati Nari
बुद्धिमती नारी
( Buddhimati Nari )
नहीं लगती
सबको प्यारी!
जब भी मुखर,
प्रखर दिखती है,
तुरंत बन जाती है कुछ
आंँखों की किरकिरी।
अहं के मारे इन दिलजलों को,
सुंदर लगती है
मौन...