आड़ी तिरछी राह जिंदगी | Aadi tirchi raah zindagi | Kavita

आड़ी तिरछी राह जिंदगी ( Aadi tirchi raah zindagi )   हो रही गुमराह जिंदगी आड़ी तिरछी राह जिंदगी बदल रही जीने की राहें ढूंढ रही पनाह जिंदगी   सद्भावों...

म्हारी नखराळी साळी | Marwadi Rachna

म्हारी नखराळी साळी ( Mhari nakhrali sali )   सुण म्हारी नखराळी साळी,गोरी ए मतवाळी मेळो देखण चालां आज्या,लारै म्हारै भोळी भाळी   बळखाती इतराती चालै,बहती पून सी कयां हालै देख...

कहीं किसी रोज | Kahin kisi roz | Kavita

कहीं किसी रोज ( Kahin kisi roz )   आओ हम चले कहीं मिले कभी किसी रोज। महफिल जमाकर बैठे मौज से करेंगे भोज। पिकनिक भ्रमण करें घूमे हसी...

साळी दैव ओळमो | Marwadi sahitya

साळी दैव ओळमो   कदे जलेबी ल्यायो ना हंस हंस क बतलायो ना वार त्योहारां आयो ना हेतु घणों बरसायो ना   मैळो कदे दिखायो ना गाड़ी म घुमायो ना घूमर घालैण आयो...

चाहें तुमसे भी बतियाना | Chahe tumse bhi batiyana | Kavita

चाहें तुमसे भी बतियाना ( Chahe tumse bhi batiyana )   नये पौधों को पानी देकर, बूढ़े बरगद को भी जाना । बूढ़े है वो अपने घर के,...

पायल | Payal kavita

पायल ( Payal )   कहीं सीमा का बंधन देखो कहीं रात अलबेली है पैरों की पायल है मेरी या जंजीर की बेडी है   रुके रुके कदमों से देखो अठखेली ये करती...

कभी उस शहर कभी इस शहर | kabhi us shahar kabhi...

कभी उस शहर कभी इस शहर ( Kabhi us shahar kabhi is shahar )   कभी उस शहर कभी इस शहर गरजते, बरसते आखिर कुछ बादल मेरे शहर भी आकर छा ही गये कुछ...

मेहनत एक साधना | Mehnat ek sadhana | kavita

मेहनत एक साधना ( Mehnat ek sadhana )   साधना और तपस्या है मेहनत खून पसीना है। कड़ा परिश्रम हौसलों से श्रम से खाना पीना है।   मेहनत एक साधना...

प्यास बुझे तो बुझे कैसे | Pyaas bujhe to bujhe...

प्यास बुझे तो बुझे कैसे ( Pyaas bujhe to bujhe kaise )     प्यास बुझे तो बुझे कैसे , जो आग लगी है पानी से।   मर  रहा  इंसानियत  यहां, धर्म...

जो चला गया | Jo chala gaya | Poem in...

1. जो चला गया   जो चला गया हैं छोड़ तुझे,उस मोह में अब क्या पड़ना हैं। जीवन सूखी बगिया में,  सब रंग तुम्हे ही भरना हैं। आसूं...