राजा रंक सभी फल ढोते | Kavita Raja Runk
राजा रंक सभी फल ढ़ोते
( Raja runk sabhi phal dhote )
राजा रंक सभी फल ढ़ोते,
होता कर्ज़ चुकाना।
कर्मों के अनुसार जीव को,
पड़े दंड भुगताना।।मानव दानव...
समय के साथ साहित्य समाज बदलता है | Sahitya Samaj par...
समय के साथ साहित्य समाज बदलता है
( Samay ke sath sahitya samaj badalta hai )
वक्त के साथ बदल जाती है सब की जीवनधारा।
समय के...
बिन चिता के ही चिता की सी तपन | Chita par...
बिन चिता के ही चिता की सी तपन
( Bin chita ke hi chita ki si tapan )
बिन चिता के ही चिता की सी तपन...
जिंदगी जब हम जीने लगे | Hindi Poem on Zindagi
जिंदगी जब हम जीने लगे
( Zindagi jab hum jeene lage )
जिंदगी जब हम जीने लगे
गम के घूंट थोड़े पीने लगे
अश्रु टपके नयन से हमारे
अपनो...
आशिकी | Poem in Hindi on Aashiqui
आशिकी !
आजकल मुझको फिर से सताने लगे,
रात को मेरे सपनों में आने लगे।
मेरी चढ़ती जवानी का है ये असर,
अपने घर का ही रस्ता भुलाने...
संत संगति | Kavita Sant Sangati
संत संगति
( Sant sangati )
सज्जन साधु संगत कर लो बेड़ा पार हो जाएगा।
बिनु सत्संग विवेक नहीं उजियारा कैसे आएगा।
संत सुझाए राह प्रेम की हरि...
मुझे गुरूर है कि | Kavita Mujhe Guroor hai
मुझे गुरूर है कि
( Mujhe guroor hai ki )
मुझे गुरूर है कि मैं भारत देश का वासी हूं।
लेखनी का दीप जलाता हरता हर उदासी...
औरत | Poem in Hindi on Aurat
औरत!
( Aurat )
घर को घर देखो बनाती है औरत,
रंग - बिरंगे फूल खिलाती है औरत।
न जाने कितने खेले गोंद में देवता,
उम्रभर औरों के लिए...
निपुण मिशन की ज्योति जलाएं | Nipun Mission par Kavita
निपुण मिशन की ज्योति जलाएं
( Nipun mission ki jyoti jalayen )
निपुण मिशन की ज्योति जलाएंआओ शिक्षा अभियान चलाएं। अभिभावक संग मिल शिक्षक हमगढ़ भविष्य बच्चों...
नीलकंठ महादेव | Neelkanth Mahadev par Kavita
नीलकंठ महादेव
( Neelkanth Mahadev )
सारी दुनिया का गरल पी नीलकंठ कहलाए।
ध्यान मग्न भोले शंकर शीश जटा गंग बहाए।
भस्म रमाए तन पे बैठे हैं गले...