महात्मा ज्योतिबा फुले | Jyotiba Phule par Kavita

महात्मा ज्योतिबा फुले ( Mahatma Jyotiba Phule )  ( 2 )  शिक्षा की मशाल जलाए महात्मा फुले, सुख-समृद्धि की राह दिखाए महात्मा फुले। सत्य शोधक समाज का वो किए...

अद्भुत आता चैत्रमास | Chaitra Mass par Kavita

अद्भुत आता चैत्रमास ( Adbhut aata chaitra maas )   हिंदूवर्ष का प्रथम मास यह नववर्ष का आगाज है। अद्भुत आता चैत्रमास जब उमंग भरा सरताज हैं। नव दुर्गा...

सीख लिया है मुस्कुराना | Poem Muskurana

सीख लिया है मुस्कुराना ( Seekh liya hai muskurana )   हमने भी अब सीख लिया है यारों अब मुस्कुराना, चाहें आएं कई परेशानी मेहनत से जी ना...

निंदा से मन मलीन | Man Maleen

निंदा से मन मलीन ( Ninda se man maleen )    करना चाहो जगत में पुण्य के सब काम करो। निंदा करके तुम खुद को यूं ना...

सतत विद्रोही | Satat Vidrohi

सतत विद्रोही ( Satat Vidrohi )  सतत् विद्रोही-मैं सतत्,सनातन, निरपेक्ष, निर्विकार, निर्भीक' विद्रोही' मैंने गान सदा, सत्य का ही गाया धन- यश, वैभव, सत्ता सुंदरी का आकर्षण मेरे मन को...

बहुत गड़बड़ झाला है | Gadbad Jhala par Kavita

बहुत गड़बड़ झाला है ( Bahut gadbad jhala hai )   थम सी गई आज हमारी ज़िन्दगी और ख़ामोश है सभी की ज़ुबान। छाया धरती पर यह कुदरत...

मानव एक दूत है | Manav par Kavita

मानव एक दूत है ( Manav ek doot hai )    रचकर भेजा है इस धरती पर मानव एक दूत है। नीली छतरी वाला बैठा उसकी माया अद्भुत...

लिखेंगे हम लेखनी की धार | lekhni ki Dhaar

लिखेंगे हम लेखनी की धार ( Likhenge hum lekhni ki dhaar )   हम पैसे देकर रचना सुनो कभी नहीं छपवाएंगे। दम होगा लेखनी में प्रकाशक खुद चले...

पातुक | Patuk par Kavita

पातुक ( Patuk )    नशें में बेसुध आदमी की बगल में पड़े बोतल पव्वों को कचरा बिननें वाले ने उठाकर रखा अपनी पीठ पीछे लदे प्लास्टिक के झोले में तो सभी...

बनारस भाग-२ | Poem on Banaras

बनारस भाग-२ ( Banaras )   ब्रह्मा, विष्णु सदा विराजें, करता है गुणगान बनारस। बँधती गँठरी पुण्य की देखो, सुख की है खान बनारस। दोष-पाप सब दूर है करता, ऐसा है वो...