मानव या दानव कर्मों से | Karma par Kavita
मानव या दानव कर्मों से
( Manav ya danav karmo se )
अच्छाई के पथ पर चलते वो मानवता होती है।
लूटमार चोरी अन्याय कर्मों से दानवता...
किसानों का दर्द | Kavita Kisano ka Dard
किसानों का दर्द
( Kavita Kisano ka Dard )
देख कर फसलों की सूरतजीवित है कौन?टूटकर बिखरा है हृदयतन मन है मौन छींट कर बीजों को मैंनेउम्मीद...
मैं भारत का मजदूर हूं | Poem in Hindi on Majdoor
मैं भारत का मजदूर हूं
( Main bharat ka majdoor hoon )
मैं भारत का मजदूर हूं, मेहनत की रोटी खाता हूं।
धूप छांव सर्दी गर्मी...
नाचो-नाचो-नाचो रे | Poem Nacho-Nacho
नाचो-नाचो-नाचो रे!
( Nacho-Nacho-Nacho Re )
नाचो-नाचो-नाचो रे!
भोर भए तक नाचो रे!
नाचो कुंवारे- नाचो कुंवारी,
प्यासा रहे न आँखों का पानी।
नाचो-नाचो-नाचो रे!
भोर भए तक नाचो रे!झरने पे...
मेरी जन्मभूमि स्वर्ग समान | Janambhoomi par Kavita
मेरी जन्मभूमि स्वर्ग समान
( Meri Janambhoomi swarg saman )
वीरों रणवीरो की जननी हम सबका अभिमान है।
हरी-भरी महकती क्यारी ये धरती स्वर्ग समान है।
उत्तर हिमालय...
महज | Poem in Hindi on Mahaj
महज
( Mahaj )
महज रख देते हाथ कंधों पे,
दर्द ए पीर सब हवा हो जाती,
ना गम का होता ठिकाना कहीं,
ना हालत कहीं ये बिगड़ पाती।
महज...
फागुन पर कविता | Poem in Hindi on Phagun
फागुन पर कविता
( Phagun Par Kavita )
देखो फागुन आया है छटा में रंग छाया है
खिली पलाश पर योवन आया है।
गीत बसंत का हर दिल...
मौन निमंत्रण | Kavita Maun Nimantran
मौन निमंत्रण
( Maun nimantran )
मुझे क्या पता!
वह सामने था लिए
कुछ भाव भरा
संदेश खड़ा,किंतु मैं पूछ पड़ा
तुम कौन यहां ?
क्या कर रहा है? भला,
मुझसे क्या...
गणगौर त्योहार | Gangaur Tyohar par Kavita
गणगौर त्योहार
( Gangaur tyohar )
ईसर गौरी की पूजा होती पावन गणगौर का त्योहार।
गोरी सज धज शिव शंकर को वंदन करती बारंबार।
कुंवारी कन्याएं सोलह...
कैसे हो | Hasya Ras ki Kavita
कैसे हो
( Kaise ho )
दांत में दर्द हो रहा बेशुमार
चला गया डॉक्टर के द्वार
इलाज करवाना है पैसे दो
उखाड़े दांत बोला कैसे हो
परीक्षा पेपर मिला...