अक्षय तृतीया : आखा तीज

अक्षय तृतीया : आखा तीज   अक्षय तृतीया पर्व पर इस जीवन को पावन बनाये । पापों व तापों के हैं घेरे उनको ढहाते हुए चले । संसार...

राम मंदिर महोत्सव | Kavita Ram Mandir Mahotsav

राम मंदिर महोत्सव   सुन लो सुन लो सारे जग वालों, आपस में लड़ने वालों, रहो ईमान से। राम आए हैं बताने ये जहान से।। राम मंदिर बना है...

शाश्वत प्रश्न | Kavita Shaswat Prashn

शाश्वत प्रश्न ( Shaswat Prashn )   मैं कौन हूं आया कहां से हूं यहां ! यह नहीं मालूम, है पुन: जाना कहां !! किसलिए हैं आए जगमें, और फिर क्यौं...

दिखावा | Kavita Dikhawa

दिखावा ( Dikhawa )   शुभचिंतक हैं कितने सारे बाहर गोरे भीतर कारे मुखरा-मुखरा बना मुखौटा मिट्ठू दिखते जो हैं सारे लेकर आड़ झाड़ को काटे नए और पैने हैं आरे तन...

निवेदन | Kavita Nivedan

निवेदन ( Nivedan ) निवेदन है धरा से मत हो वीराना , अरदास है ईश से भूलें न कृपाना, आह्वान है आकाश सै रंग नीलिमा न बदलना, गुजारिश है बादलों से वर्षा अमृत न भूलना, आरजू है आदमी से आदिमकाल न जाना।शेखर कुमार श्रीवास्तव दरभंगा(...

जागो जनता जागो | Kavita Jaago Janta Jaago

जागो जनता जागो! ( Jaago janta jaago)    घंटों इंतजार क्यों करते हैं? सर्दी गर्मी बारिश सहते हैं पलकें बिछाए रहते हैं आप जनता मालिक हैं। लूटने वाले का जयकारा लुटने वाले...

शरीफ़ ख़ान की कविताएं | M.S. Khan Hindi Poetry

महाराणा प्रताप वीरता का परिचय,महाराणा प्रताप, स्वाभिमान, गर्व का शाहकार । स्वाभिमान की उच्चता,अद्भुत शौर्य से किया अधीनता का प्रतिकार। उनका अपूर्व साहस शौर्य और संघर्ष, अपूर्व...

लोकतंत्र अभयदान | Kavita loktantra Abhaydan

लोकतंत्र अभयदान लोकतंत्र अभयदान,शत प्रतिशत सही मतदान मतदान लोकतांत्रिक व्यवस्था, सशक्त नागरिक अधिकार । अवसर सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व चयन, राष्ट्र भविष्य अनूप श्रृंगार । योग्य दक्ष आदर्श प्रतिनिधि, सहर्ष प्राथमिकता सदा आह्वान। लोकतंत्र...

पूर्ण विराम अंत नहीं | Kavita Purn Viram

पूर्ण विराम अंत नहीं ( Purn Viram Ant Nahi )   पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है सकारात्मक सोच प्रशस्त, नवल धवल अनुपम पथ । असफलता...

नारी मन | Kavita Nari Man

नारी मन ( Nari Man )   नारी मन, प्रेम का दिव्य दर्पण परम माध्य सृष्टि सृजन, परिवार समाज अनूप कड़ी । सदा उत्सर्गी सोच व्यंजना, पर आनंद हित सावन...