पूर्ण विराम अंत नहीं | Kavita Purn Viram

पूर्ण विराम अंत नहीं ( Purn Viram Ant Nahi )   पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है सकारात्मक सोच प्रशस्त, नवल धवल अनुपम पथ । असफलता...

अरुणोदय | Kavita Arunoday

अरुणोदय ( Arunoday )   सूरज ने अरूणिम किरणों से वातायन रंग डाला ! लगे चहकने पंछी नभ में अनुपम दृश्य निराला !! ताल तलैया नदी सरोवर मिल स्वर्णिम रस घोले! लगे...

युद्ध के दौरान कविता | Yuddh ke Dauran Kavita

युद्ध के दौरान कविता ( Yuddh ke Dauran Kavita )   रात के प्रवाह में बहते हुए अक्सर अचेत-सा होता हूं छूना चाहता हूं -- दूर तैरती विश्व-शांती की...

मां- पिता | Kavita Maa Pita

मां- पिता  ( Maa Pita )   मां जान है तो , पिता आत्मा है, आत्मा जब रोती है तो , जान निकल जाती है। जीने के लिए , मानव को चाहिए...

तमाशा | Kavita Tamasha

तमाशा ( Tamasha )   कौन कहता है आईने झूठ नहीं बोलते वे चेहरे के पीछे की परतों को कहाँ खोलते हैं दिये गये सम्मान में भी दिली सम्मान कहाँ...

स्मृति शेष | Kavita Smriti Shesh

स्मृति शेष ( Smriti Shesh ) हे धरा के पंथी नमन तुम्हें हे धरा के पंथी नमन तुम्हें घर छूटा मिला गगन तुम्हें। तुम चले गए हमें छोड़कर कहे...

हम सबके सियाराम

हम सबके सियाराम   विराजे अयोध्या धाम देखो हम सबके सियाराम । गर्वित हो गया हिंदोस्तान देखो हम सबके सियाराम । मर्यादा का पालन करते दोष दूसरो पर न धरते...

सफर का अकेलापन | Kavita Safar ka Akelapan

सफर का अकेलापन ( Safar ka Akelapan )   भीड़ में भी अकेला हूं अकेले में भी भीड़ बहुत है इसे कहूँ बाजार, या तन्हाई या कहूँ अकेलापन! कोई पढ़...

अगर तू जो एक किताब है

अगर तू जो एक किताब है तुम्हें पढ़ना चाहता हूं तेरे हर एक पन्ने को अगर तू जिंदगी है जीना चाहता हूं आहिस्ता-आहिस्ता पूरी उम्र अगर तू फूल है तो मैं...

थकान | Kavita Thakan

थकान ( Thakan )   जरूरी नहीं कि हर अंधेरा रोशनी के साथ हि पार किया जाय हौसलों के दीये कुछ दिल में भी जलाये रखा करिये माना कि गम...