मजबूर | Bhojpuri kavita majboor
मजबूर
( Majboor )
खुन के छिट्टा पडल, अउर पागल हो गइल
ना कवनो जुर्म कइलक, कवन दुनिया में खो गइल
जब तक उ रहे दिवाना, शान अउर...
महल | Mahal Bhojpuri Kavita
महल
( Mahal )
धूल में मिल के सब धूल भईल
का पताका , का सिंघासन कवन भुल भईल
आज दुनिया देख रहल चुप चाप ओके
छप पन्ना में...
रोपया | Poem on rupees in Bhojpuri
" रोपया "
( Ropya )
रोपया के ना कवनो जात
जे के ज्यादा उहे बाप
उहे दादा उहे भाई
चाहे हो कईसनो कमाई
रोपया से समान मिलेला
जित धरम अउर...
समय | Samay par Bhojpuri Kavita
" समय " भोजपुरी कविता
( Samay par Bhojpuri Kavita )
झकझोर देलऽक दुनिया ओके झोर के
लूट लेलऽक मिठ ओ से बोल के
अउर तुडलक ओके मडोड...
हडिया | Haria Bhojpuri Kahani
" हडिया "
( Haria )
एगो गांव में एगो लड़की रहे उ बहुत सुन्दर रहे लेकिन उ बहुत झगडाईन रहे । गांव के सारा...
स्कूल | School par Bhojpuri kavita
स्कूल
( School )
ज्ञान के अंगना में आवऽ,
फिरु से हम पलि बढ़ी
कहीं हिम्मत, कहीं बेहिम्मत,
मिल के हम इतिहास गढ़ी
कबो सर जी के आहट से
चारों ओर...
बेलना-चौकी | Belana-chauki par Bhojpuri kavita
बेलना-चौकी
( Belana-chauki )
तोहरा का बनेके बा
बेलना या चौकी
बेलना दबावेला, बजावेला, घुमावेला
चौकी देखेला, सहेला, निभावेला
चौकि जानेला, मानेला, पहचानेला
बेलना कुचलेला, उछलेला, ठुकरायेला
बेलना जब-जब फिसलेला
चौकि तब-तब रोकेला
बेलना...
पागल | Pagal Bhojpuri kavita
" पागल "
( Pagal )
दरद के आग बा ओके दिल में, रोये ला दिन रात
देख- देख के लोग कहेला, पागल जाता बडबडात
रहे उ सिधा...
गिर के उठनी | Bhojpuri Kavita Gir ke Uthani
" गिर के उठनी "
( Gir ke uthani )
आज उठे के समय हमरा मिलल
देख हमरा के कवनो जल उठल
खिंच देलक गोंड हमर ऐ तरह...
अनहार | Anhar par Bhojpuri Kavita
"अनहार, दिया आऊर आस "
( Anhar, diya aur aas )
दीया जला देहनी हऽ ओहिजा
काहे से उहवा रहे अनहार
जहवां से कइगो राही गुजरे
जाने कब केहू...