हे कवि | Hey Kavi
हे! कवि
( Hay kavi )
हे कवि! कविता कुछ खास लिखोअंतर्मन का विश्वास लिखोरुक रुक कर कलम चलाओ नाखुल कर अपनी हर बात लिखो तुम कवि...
पुरुषों | Purushon
पुरुषों
( Purushon )
यूं ही कब तक जलती रहेगी नारी
हवस की इस आग मे पुरुषों
कब तक रहोगे तुम खून को पीते
देह के चीथड़े नोच नोच...
मणिपुर की व्यथा | Manipur ki Vyatha
मणिपुर की व्यथा
( Manipur ki vyatha )
मूक बधिर हुआ धृतराष्ट्र
द्वापर जैसी फिर चूक हुई
सत्ताधारी अब चुप क्यों है,
राज सभा क्यूं अब मुक हुई ।।
लोक...
नशामुक्त अभियान | Nasha Mukt Abhiyan
नशामुक्त अभियान
( Nasha mukt abhiyan )
सबको मिलकर रचना है इतिहास हिन्दुस्तान में,
नामुमकिन कुछ नहीं इंसानों के लिए जहान में।
दीप ज्ञान का जलाना है ये...
खाक में न मिलाओ वतन को कोई | Khaak mein na...
खाक में न मिलाओ वतन को कोई!
( Khaak mein na milao watan ko koi )
आग कहीं पे लगाना मुनासिब नहीं,
होश अपना गंवाना मुनासिब नहीं।
दे...
घर की इज्जत, बनी खिलौना | Ghar ki Izzat
घर की इज्जत, बनी खिलौना
( Ghar ki izzat, bani khilauna )
अब कहां कोई खेलता है, खिलौनों से साहब??
अब तो नारी की अस्मिता से खेला...
जायज | Jayaz
जायज
( Jayaz )
विरोध के लिए ही विरोध होना जायज नहीं
विरोध योग्य हो तो विरोध भी जरूरी है
सत्य है हर आदमी हर कहीं सही नही...
कभी कभी | Kabhi Kabhi
कभी कभी
( Kabhi kabhi )
कभी कभी ही होता है दिल बेचैन इतना
कभी कभी ही उठता है ज्वार सागर मे
कभी कभी ही होती है बारिश...
मोक्ष की ओर बढ़ें | Moksh
मोक्ष की ओर बढ़ें!
( Moksh ki ore badhen )
हे ! उसकी कृपा बरसे,
दुनिया सदा हरषे।
आकर के जग में, प्रभु की शरण में,
मोक्ष की ओर...
स्वप्न | Swapan
स्वप्न
( Swapan )
घरों से दूर होते तो कोई बात न होती
हम तो आज दिलों से ही दूर जा रहे हैं
ललक तो सभी को है...