मतदान | मनहरण घनाक्षरी | Poem on voting in Hindi
मतदान
( Matdan )
चुने हम सरकार
सबका है अधिकार
राष्ट्र निर्माण करने
मतदान कीजिए
मतदान महादान
अधिकार पहचान
लोकतंत्र मजबूत
कर वोट दीजिए
सशक्त हो जनादेश
मतदान है विशेष
सोच समझ अमूल्य
वोट जरा दीजिए
उम्मीदवार खरा...
सावन सुहाना आया | छंद
सावन सुहाना आया | Chhand
( Sawan suhana aya )
( मनहरण घनाक्षरी छंद )
सावन सुहाना आया,
आई रुत सुहानी रे।
बरसो बरसो मेघा,
बरसाओ पानी रे।
बदरा गगन छाए,
काले...
जेठ की गर्मी | Chhand jeth ki garmi
जेठ की गर्मी
( Jeth ki garmi )मनहरण घनाक्षरी
चिलचिलाती धूप में,
अंगारे बरस रहे।
जेठ की दुपहरी में,
बाहर ना जाइये।
गर्मी से बेहाल सब,
सूरज उगले आग।
तप रही धरा...
परीक्षा | Pareeksha par Chhand
परीक्षा
( Pareeksha )
पग पग पे परीक्षा, लेता जग करतार।
जीवन की डगर पे, चलिए जरा संभल।
हर आंधी तूफां से, हर मुश्किल बाधा से।
हौसलों की उड़ान...
सतरंगी फाग | Chhand Satrangi Fag
सतरंगी फाग
( Satrangi fag )
इंद्रधनुषी रंगों का, सतरंगी फाग छाया।
बसंत बहारें चली, मस्त लहर लहर।
प्रियतम भीगा सारा, सजनी भी भीग गई।
रंगीला फागुन आया, बरसा...
साजन | Virah
साजन
(Saajan )( सायली छंद - विरह )
साजन
सावन आया
प्रेम ऋतु छाया
पुरवा बयार
हर्षाया
मेरा
चंचल मन
पिया अब आजा
तडपत मनवा
मचलत
रतिया
कटती नाहीं
विरह वेदना जाए
याद करे
पछताए
घबराए
नाही आगे
नन्द के लाल
मदन गोपाल
घनश्याम
कवि : ...
उलझन भरी जिंदगी | Zindagi par chhand
उलझन भरी जिंदगी
( Uljhan bhari zindagi )
संघर्षों से भरी जिंदगी,
उलझन सी जिंदगी।
हौसला बुलंद कर,
नेह बरसाइए।
राहें कठिन हो चाहे,
पथ आंधी तूफां आए।
लक्ष्य साध गीत प्यारा,
तराना...
सूर्य अस्त होने लगा | कुण्डलिया छंद | Kundaliya chhand ka...
सूर्य अस्त होने लगा
( Surya ast hone laga )
सूर्य अस्त होने लगा,
मन मे जगे श्रृंगार।
अब तो सजनी आन मिल,
प्रेम करे उदगार।।
प्रेम करे उदगार,
रात को...
मानव तन | Manav tan | Chhand
मानव तन
( Manav tan )मनहरण घनाक्षरी
नश्वर सी यह काया,
तन को हमने पाया।
देह गात स्वरूप को,
दाग ना लगाइए।
कंचन सी काया मिली,
पंचतत्वों का शरीर।
मानव तन भाग्य...
भक्त प्रह्लाद | Bhakt Prahlad
भक्त प्रह्लाद
( Bhakt prahlad )
होलिका भी जल गई,
प्रह्लाद को भर गोद,
हर्ष जग में छा गया,
सब होली मनाइए।
सद्भाव की घटाएं भी,
लाई रंगों की बहार,
घट घट...