पूर्ण विराम अंत नहीं | Kavita Purn Viram
पूर्ण विराम अंत नहीं
( Purn Viram Ant Nahi )
पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है
सकारात्मक सोच प्रशस्त,
नवल धवल अनुपम पथ ।
असफलता...
पतझड़ सावन बन जाता है | Geet Patjhad
पतझड़ सावन बन जाता है
दुआओं से झोली भरकर जब जीवन मुस्कुराता है।
सारी बलाएं टल जाती पतझड़ सावन बन जाता है।
पतझड़ सावन बन जाता है
रोज...
“प्रकृति व स्त्री विमर्श”: स्त्रीत्व की नई रचना, डॉक्टर सुमन धर्मवीर...
डॉक्टर सुमन धर्मवीर जी की पुस्तक - "प्रकृति व स्त्री विमर्श "
पढना शुरु किया ---
लेखिका के लेखन मे प्राण है।
नया जीवन है----
🙏🏻🙏🏻
मन लग जाता...
अक्ल नहीं है | Ghazal Akal Nahi Hai
अक्ल नहीं है
(Akal Nahi Hai )
अक्ल नहीं है उस जाहिल में
खोया दिल उसका ग़ाफ़िल में
रब टाल मुसीबत सर पे है
जा है मेरी तो मुश्किल...
हसद | ईर्ष्या
हसद
( Hasad )
हज़ारों रत्न उसके तकिये के नीचे हैं,
मगर मेरे इक पत्थर पर वो मरता है,
उसकी इक नज़र तरसते हैं रत्न उसके,
उन्हें भूलके मेरे...
शेखर की कविताएं | Shekhar Hindi Poetry
मन रे
मन रे…
तू क्यों उदास
छोड़ मायावी आस
समझ मरीची चाल
उगा न काटें
मन बगीचा में
महका सुरभि
समय कंटीका में
नैया भंवर फंसी है
राम-रहीम सूक्ति में
किनारा तू पा ले
मुक्ति...
स्नेहका संचार | Kavita Sneh ka Sanchar
स्नेहका संचार
( Sneh ka Sanchar )
आदमी का मानवीय
व्यवहार होना चाहिए !
हर हृदय में स्नेह का
संचार होना चाहिए !!
खिल सके अपना चमन,
यह एकता के...
हाय रे बेरोजगारी | Kahani Berojgari
एक पुस्तक की दुकान पर बहुत से बच्चे जाब का फॉर्म देख रहे थे। उसी में एक फॉर्म डोम की भर्ती का भी निकला...
हमरा आँखी में लोर के जहान बाटे | Bhojpuri Kavita Hamra...
हमरा आँखी में लोर के जहान बाटे
जेकरा बाटे खाके पी के उतान बाटे
आ हमरा घर में नून ना पिसान बाटे।
केहू बाकि अंगूरी से चान...
शाश्वत प्रश्न | Kavita Shaswat Prashn
शाश्वत प्रश्न
( Shaswat Prashn )
मैं कौन हूं आया कहां से
हूं यहां !
यह नहीं मालूम, है पुन:
जाना कहां !!
किसलिए हैं आए जगमें,
और फिर क्यौं...