जन करीं लापरवाही ! ( भोजपुरी भाषा में ) | Bhojpuri...
जन करीं लापरवाही ! ( भोजपुरी भाषा में )
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ए भाई !
कोरोना बावे कि गईल?
बाजार में भीड़ देख के लागता-
कुछु नइखे भईल ।
सभे लोग बा...
हिंदी दिवस | Hindi diwas kavita
हिंदी दिवस
( Hindi diwas )
मै हाल-ए-दिल अपना किसको सुनाऊँ,
अपनी घुटन को कहाँ ले के जाऊँ।
बुलंदी पे अपना कभी मर्तबा था ,
मै चाहू उसे फिर...
नही देखा ऐसा चेहरा | Chehra shayari
नही देखा ऐसा चेहरा
( Nahin dekha aisa chehara )
न ही देखा ऐसा चेहरा अल्लाह कसम
था वो ही सुंदर इतना अल्लाह कसम
तोड़ गया है हर...
कोविड अस्पतालों की सच्चाई | Kavita
कोविड अस्पतालों की सच्चाई !
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डेडिकेटेड कोविड अस्पताल!
का कुछ ऐसा है हाल?
न बेड है,
न डाॅक्टर रहे देख हैं!
कहीं पीपीई किट नहीं,
तो कहीं जरूरी उपकरण ही...
प्यार को कब तक छुपाओगे मगर | Shayari pyar bhari
प्यार को कब तक छुपाओगे मगर
( Pyar ko kab tak chupaoge magar )
प्यार को कब तक छुपाओगे मगर
हाल दिल का कब सुनाओगे मगर
छोड़ो भी...
मन मानता नहीं | Poem man manta nahin
मन मानता नहीं !
( Man manta nahin )
उसी से मिलनें को मन मानता नहीं!
मुहब्बत से वही जब बोलता नहीं
वही ऐसे गुजरा है पास से...
सत्यमेव जयते | Satyameva Jayate | kavita
सत्यमेव जयते
( Satyameva Jayate )*****
डाॅ० कफिल की रिहाई,
मीडिया में है छाई।
यह बात फिर उभरकर आई,
सत्य परेशान हो सकता है-
पराजित नहीं भाई ।
यह कोई नहीं...
पौधे देख सुन सकते हैं | Poem on plant in Hindi
पौधे देख सुन सकते हैं
( Paudhe dekh sun sakte hain )*****
देख सुन और बात है करते!
पौधे !
क्या आप हैं जानते ?
क्या?
हां ,सही सुना आपने-
यह...
प्रकृति की सीख | Poem prakriti ki seekh
प्रकृति की सीख
( Prakriti ki seekh )
बदलना प्रकृति की फितरत
फिर क्यों इंसान हिस्सेदार हैं।
प्रकृति के बदलने में कहीं ना कहीं
इंसान भी बराबर जिम्मेदार हैं।
जैसे...
सब मौन क्यों | Poem sab maun kyon
सब मौन क्यों ?
( Sab maun kyon )*****
गिरी जीडीपी! बढ़ी महंगाई,
डीजल पेट्रोल के मूल्य हैं हाई।
कोरोना का हुआ आगमन,
ताली थाली से हुआ स्वागतम!
पहले शर्माया,
फिर...