जन करीं लापरवाही ! ( भोजपुरी भाषा में ) | Bhojpuri...

जन करीं लापरवाही ! ( भोजपुरी भाषा में ) ***** ए भाई ! कोरोना बावे कि गईल? बाजार में भीड़ देख के लागता- कुछु नइखे भईल । सभे लोग बा...

हिंदी दिवस | Hindi diwas kavita

हिंदी दिवस ( Hindi diwas )   मै हाल-ए-दिल अपना किसको सुनाऊँ, अपनी घुटन को कहाँ ले के जाऊँ। बुलंदी पे अपना कभी मर्तबा था , मै चाहू उसे फिर...

नही देखा ऐसा चेहरा | Chehra shayari

नही देखा ऐसा चेहरा  ( Nahin dekha aisa chehara )   न ही देखा ऐसा चेहरा अल्लाह कसम था वो ही सुंदर इतना अल्लाह कसम   तोड़ गया है हर...

कोविड अस्पतालों की सच्चाई | Kavita

कोविड अस्पतालों की सच्चाई ! ******* डेडिकेटेड कोविड अस्पताल! का कुछ ऐसा है हाल? न बेड है, न डाॅक्टर रहे देख हैं! कहीं पीपीई किट नहीं, तो कहीं जरूरी उपकरण ही...

प्यार को कब तक छुपाओगे मगर | Shayari pyar bhari

प्यार को कब तक छुपाओगे मगर ( Pyar ko kab tak chupaoge magar )    प्यार को कब तक छुपाओगे मगर हाल दिल का कब सुनाओगे मगर  छोड़ो भी...

मन मानता नहीं | Poem man manta nahin

मन मानता नहीं ! ( Man manta nahin )   उसी से मिलनें को मन मानता नहीं! मुहब्बत से वही जब बोलता  नहीं  वही ऐसे गुजरा है  पास से...

सत्यमेव जयते | Satyameva Jayate | kavita

सत्यमेव जयते ( Satyameva Jayate )***** डाॅ० कफिल की रिहाई, मीडिया में है छाई। यह बात फिर उभरकर आई, सत्य परेशान हो सकता है- पराजित नहीं भाई । यह कोई नहीं...

पौधे देख सुन सकते हैं | Poem on plant in Hindi

पौधे देख सुन सकते हैं ( Paudhe dekh sun sakte hain )*****   देख सुन और बात है करते! पौधे ! क्या आप हैं जानते ? क्या? हां ,सही सुना आपने- यह...

प्रकृति की सीख | Poem prakriti ki seekh

प्रकृति की सीख ( Prakriti ki seekh )   बदलना प्रकृति की फितरत फिर क्यों इंसान हिस्सेदार हैं। प्रकृति के बदलने में कहीं ना कहीं इंसान भी बराबर जिम्मेदार हैं।   जैसे...

सब मौन क्यों | Poem sab maun kyon

सब मौन क्यों ? ( Sab maun kyon )*****  गिरी जीडीपी! बढ़ी महंगाई, डीजल पेट्रोल के मूल्य हैं हाई। कोरोना का हुआ आगमन, ताली थाली से हुआ स्वागतम! पहले शर्माया, फिर...