स्मृति शेष | Kavita Smriti Shesh
स्मृति शेष
( Smriti Shesh )
हे धरा के पंथी नमन तुम्हें
हे धरा के पंथी नमन तुम्हें
घर छूटा मिला गगन तुम्हें।
तुम चले गए हमें छोड़कर
कहे...
आँखों की शरारत | Nazm Aankhon ki Shararat
आँखों की शरारत
( Aankhon ki Shararat )
तूने अभी तक मेरी मोहब्बत नहीं देखी,
मेरे इन आँखों की शरारत नहीं देखी।
नित्य आती हो ख्वाबों में...
मधुमय रस लहरा दे | Madhumay Ras Lahra de
मधुमय रस लहरा दे
( Madhumay Ras Lahra de )
नव-लय-छंद अलंकृत जननी
मधुमय रस लहरा दे।
वेद रिचाओं के आखर से
रचना कर्म करा दे।।
शब्द अर्थ का...
अगर तू जो एक किताब है
अगर तू जो एक किताब है
तुम्हें पढ़ना चाहता हूं
तेरे हर एक पन्ने को
अगर तू जिंदगी है
जीना चाहता हूं
आहिस्ता-आहिस्ता पूरी उम्र
अगर तू फूल है
तो मैं...
भोर तक | Kavita Bhor Tak
भोर तक
( Bhor Tak )
लोग तो बदल जाते हैं मौसम का रंग देखकर
मगर तुम न बदलना कभी मेरा वक्त देखकर
बड़े नाज़ों से पाला...
शोषित समाज के प्रति चिंता प्रधान ग़ज़ल-संग्रह:- “ज़िन्दगी अनुबंध है”
आज मैं बहुत खुश हूं कि लीक से हटकर लिखी गईं आर. पी. सोनकर जी की ग़ज़लें पढ़ रही हूं । हम देखते हैं...
ग़र्ज़ के रिश्ते | Garz ke Rishte
ग़र्ज़ के रिश्ते
( Garz ke Rishte )
कुछ एक रिश्ते ऐसे भी होते हैं,
जो बिना ग़र्ज़ के बने होते हैं,
उनकी शानो-शौकत न देखी जाती,
जिनको हमारे...
आसमान तक पहुंच हो
आसमान तक पहुंच हो
आसमान तक पहुंच हो, धरती पर हो पांव।
कर लो शुभ कर्म ऐसे, रोशन हो जाए गांव।
कीर्ति पताका नभ छाए, दुनिया में...
जय-जय मतदाता | Kavita Jay Jay Matdata
जय-जय मतदाता
( Jay Jay Matdata )
जय-जय मतदाता, पढ़ उनका बही-खाता,
नेता होते सयाने, नेता होते सयाने,
तू देश का निर्माता…..जय-जय मतदाता..
जय-जय मतदाता, पढ़ उनका बही-खाता,
नेता...
आओ बेवजह बातें करें | Kavita Aao Bewajah Baat Karen
आओ बेवजह बातें करें
( Aao Bewajah Baat Karen )
आओ बैठो बेवजह बातें करते हैं।
जीवन में कुछ सुनहरे रंग भरते हैं।
मुस्कुराता चेहरा चमक सा...