यही हाल इधर भी है | Geet Yahi Haal Idhar Bhi...

यही हाल इधर भी है ( Yahi Haal Idhar Bhi Hai )   बेताबी बेचैनी होती, धड़कनों में धक-धक सी है। घबराहट सी होती दिल में, यही...

प्यार नीलाम हुआ | Ghazal Pyar Neelam Hua

प्यार नीलाम हुआ ( Pyar Neelam Hua )   प्यार नीलाम हुआ अक्ल के दानाई में जीत का जश्न मनाता है वो हाराई में II चाल पे चाल चला...

योगेश की कविताएं | Yogesh Hindi Poetry

चांद पता नहीं क्यों पर आज मैंने भी बचपने सी ज़िद की, अपने मां से चांद लाने की मांग की,मां ने भी बड़ी मासूमियत से मुझे...

“स्त्री व नारी विमर्श”: नारी सशक्तिकरण की प्रेरणादायी कहानियों का संग्रह

नारी प्रधान कहानियांडॉ सुमनधर्म वीर द्वारा लिखी गई किताब "स्त्री व नारी विमर्श" हमने पढ़ी । यह किताब बहुत ही अच्छी तरह से लिखी...

उन्हुका दीया से नूर लेके का होई

उन्हुका दीया से नूर लेके का होई   जमाना के बात रोजाना होता दरद ओरात ना गोताना होता लिपल बतकही सोहात नइखे सफर उन्हुकर सोहाना होता पत्तल सीके जीअल जाता...

आम के आम गुठलियों के दाम | Kavita Aam ke Aam

आम के आम गुठलियों के दाम ( Aam ke Aam guthliyon ke daam )   आम के आम हो जाए, गुठलियों के दाम हो जाए। अंगुली टेड़ी...

जब इश्क का फूल खिलता है

जब इश्क का फूल खिलता है   दिल के गुलशन जब इश्क का फूल खिलता है, बदन का अंग-अंग, रोम-रोम हिलने लगता है ! भटकता जब मन बैचेन...

सामाजिक एवं धार्मिक विद्रूपताओं का प्रकटीकरण

पुस्तक समीक्षा पुस्तक: प्रकृति व स्त्री विमर्श लेखिका: डॉ सुमन धर्मवीर प्रकाशक: पुष्पांजलि दिल्ली 110053 मूल्य: 445 रुपए मात्रनाटक समीक्षक: डॉक्टर कश्मीरी बौद्ध (साहित्यकार एवं प्रोफेसर रोहतक)लेखिका परिचय:...

पदचिन्ह | Kavita Padachinh

पदचिन्ह ( Padachinh )   पदचिन्हों का जमाना अब कहां पदलुपतों का जमाना अब जहां परमसत्ता को शब्द-सत्ता से च्युत करने की साजिश है जहा तिनका-तिनका जलेगा मनुज अपने ही कर्मों...

विपदाओं के चक्रव्यूह

विपदाओं के चक्रव्यूह   बाधाएं तो आतीं हैं, औ आगे भी आएंगी ! अविचल बढ़ो मार्ग पर अपने खुद ही मिट जाएंगी !! विकट समस्याओं के सम्मुख तुम तनिक नहीं घबराना...