Monthly Archives: May 2021

कोप कुदरत का | Kavita

कोप कुदरत का ( Kop kudrat ka )   कुदरत कोप कर रही सारी आंधी तूफान और महामारी फिर भी समझ न पाया इंसां भूल हुई है अब हमसे भारी   खनन...

जब मुहब्बत का खिला गुलशन नहीं | Ghazal Jab Muhabbat ka

जब मुहब्बत का खिला गुलशन नहीं ( Jab muhabbat ka khila gulshan nahi )   जब मुहब्बत का खिला गुलशन नहीं मेरा  खुशियों  से  भरा  दामन नहीं  दोस्ती  में ...

तेरा होना मेरा होना | Poem Tera Hona Mera Hona

तेरा होना मेरा होना ( Tera hona mera hona )   भ्रम सा ही तो है तेरा होना मेरा होनाअनसुलझे सवालों सा तू उलझे से जवाबों सी मैंउतार जामा यह फरेब...

बहु राज || Kavita

बहु राज ( Bahu Raj )   छोटे-छोटे  जब  थे  लाल मात-पिता कितने खुशहाल !  जननी जनक दुलारे सुत को पुत्र प्रेम में हारे खुद को  !     पाल...

दोहा सप्तक | Doha Saptak

दोहा सप्तक ( Doha Saptak )   एक भयावह दौर से,गुजर रहा संसार। इक दूजे की मदद से,होगा बेड़ा पार। मानवता की सेवा में,तत्पर हैं जो लोग। दुआ कीजिए वे...

रिश्तों के धागे सब तोड़ते वो रहे | Shayari On Relations

रिश्तों के धागे सब तोड़ते वो रहे ( Rishton ke dhage sab torte wo rahe )   रिश्तों के धागे सब तोड़ते वो रहे और हम प्यार से...

सीख लिया है | Kavita

सीख लिया है ( Seekh liya hai )   जिसने जितने दुःख दिये हैं मुझे आकर वे अपने अपने ले जाएं अब कोई ठिकाना नहीं है मेरे पास तुम्हारे...

चांद | Chand par muktak

चांद मुक्तक  ( Chand Muktak )   चांद तारे बिछा देंगे हम राह में कुछ नया कर दिखा देंगे चाह में आओ मिलों हमसे मुस्कुरा कर गगन छू लेंगे हम...

उपभोक्ता की समस्या | Kavita

उपभोक्ता की समस्या ( Upbhokta ki samasya )   उद्योगों के विकास में औद्योगिक क्रांति देश में लाया| औद्योगिक क्रांति ने देश में उत्पादन को बढ़ाया| पर बड़े-बड़े कंपनियों...

भोर की नव बेला || Kavita

भोर की नव बेला ( Bhor ki naw bela )   मैं करोना को हराकर बाहर आई हूँ खुद की बहादुरीपर थोडा इतराई हूँ मालूम था सफर बहुत कठिन...