Yearly Archives: 2022
साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच सन्दर्श के बैनर तले साहित्य संगोष्ठी
"यश विला" में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच सन्दर्श के बैनर तले साहित्य के अनुष्ठान में आचार्य कवि नगेन्द्र शर्मा चिड़ावा को साहित्य -रत्न से...
रोपया | Poem on rupees in Bhojpuri
" रोपया "
( Ropya )
रोपया के ना कवनो जात
जे के ज्यादा उहे बाप
उहे दादा उहे भाई
चाहे हो कईसनो कमाई
रोपया से समान मिलेला
जित धरम अउर...
अहीर रेजिमेंट | Ahir Regiment par kavita
अहीर रेजिमेंट!
( Ahir Regiment )
सरहद पे दुश्मन की पैनी निगाहें,
फिर से अहीर रेजिमेंट बनाएँ।
यदुवंशियों की है लंबी कहानी,
चीन भी देखा है इनकी जवानी।
आओ उस...
सिखों के दसवे गुरु गुरुगोबिंद सिंह जी | Guru Gobind Singh...
सिखों के दसवे गुरु गुरुगोबिंद सिंह जी
( Poem on Guru Gobind Singh Ji in Hindi )सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी महान,
याद...
बेलना-चौकी | Belana-chauki par Bhojpuri kavita
बेलना-चौकी
( Belana-chauki )
तोहरा का बनेके बा
बेलना या चौकी
बेलना दबावेला, बजावेला, घुमावेला
चौकी देखेला, सहेला, निभावेला
चौकि जानेला, मानेला, पहचानेला
बेलना कुचलेला, उछलेला, ठुकरायेला
बेलना जब-जब फिसलेला
चौकि तब-तब रोकेला
बेलना...
शंकर दयाल सिंह | Shankar Dayal Singh par kavita
शंकर दयाल सिंह
( Shankar Dayal Singh )
भगवती कृपा प्रसाद पाया शंकर दयाल नाम
भवानीपुरा में जन्मे शंकर कीर्तिमान सरनाम
साहित्य कमल पंखुड़ी सा सौरभ लुटाता रहा
सांसद...
राजू श्रीवास्तव भैया | Raju Srivastav par kavita
गजोधर/राजू श्रीवास्तव भैया
( Gajodhar/Raju Srivastav bhaiya )
केवल राजू नही तुम राजा भाई थें हम सबके,
हॅंसाने वाले ही नहीं ग़म दूर करतें थें सब-के।
कैसे भुलाऍं...
जी लो कुछ पल खुद के लिए | Kavita jee lo...
जी लो कुछ पल खुद के लिए
( Jee lo kuch pal khud ke liye )
जीवन का आनंद लूट लो, मिले चाहे कुछ पल के...
पिता | Poem on father in Hindi
पिता
( Pita )
संस्कार वटवृक्ष के जैसे
प्रेम बहे नदिया के जैसे
शीतलता में चांद के जैसे
धीर धरे धरती के जैसे
स्थिर शांत समंदर जैसे
अडिग रहे पर्वत के...
पागल | Pagal Bhojpuri kavita
" पागल "
( Pagal )
दरद के आग बा ओके दिल में, रोये ला दिन रात
देख- देख के लोग कहेला, पागल जाता बडबडात
रहे उ सिधा...