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शिव शंकर कैलाशपति | Shiv Shankar Kailashpati

शिव शंकर कैलाशपति ( Shiv Shankar Kailashpati )   शिव शंकर कैलाशपति की, कर ले सेवा यार मेरा। औघड़ दानी भोला भंडारी, भर देगा भंडार तेरा। शिव शंकर कैलाशपति...

औरत | Aurat

औरत ( Aurat )  ( 2 ) औरत फूलों की तरह....नाज़ुक सी होती है, मगर...काँटों को भी पलकों से वो चुनती है, उसके चरित्र की धज्जियां दुनिया उड़ाती है, फिर...

शायर विनय साग़र जायसवाल के ग़ज़ल संग्रह पयामे-ज़ीस्त का लोकार्पण

शायर विनय साग़र जायसवाल के ग़ज़ल संग्रह पयामे-ज़ीस्त का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह का आयोजन के बी एस प्रकाशन दिल्ली द्वारा साहित्य कार निरुपमा...

बेपरवाही | Beparwahi

बेपरवाही ( Beparwahi )   खंडहर बोलते तो नहीं कुछ फिर भी बयां कर देते हैं बहुत कुछ रही होगी कभी हवेली शानदार अपनों की किरदार में ही बचा...

निर्लज्ज बेरोज़गारी | Nirlaj Berojgari

निर्लज्ज बेरोज़गारी ( Nirlaj Berojgari )   खाली पड़ी ज़ैब से सपने भी खाली आते है, बेकारी की गाली खाते को, अपने भी गाली दे जाते हैं। सारे...

होलिया में गरवा लगवा | Holiya me

होलिया में गरवा लगवाछुटि जाई दुनिया -जहान, होलिया में गरवा लगावा। जाई नहीं सथवाँ ई महल-अटरिया, दाग से बचावा तू अपनी चदरिया। अपनी चदरिया हो,अपनी चदरिया, अपनी चदरिया हो,अपनी...

प्रणय उत्संग | Pranay Utsang

प्रणय उत्संग ( Pranay Utsang )   प्रणय उत्संग,उत्सविक हावभाव जीवन पथ अभिलाष प्रभा, आनंदिका स्पर्श अनुभूति । पर वश श्रृंगार विहार, चाल ढाल सम अरुंधति । मधुर मृदुल स्वर लहरियां, उष्ण...

अल्बर्ट आइंस्टीन | Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन ( Albert Einstein )   तुम्हें आशिक कहे या वैज्ञानिक कुछ ना समझ मैं पाता। दुनिया ने माना तुम्हें महानतम वैज्ञानिक । जिसके बुद्धि का लोहा आज भी माना जाता । लेकिन...

कहां होती | Kahan Hoti

कहां होती ( Kahan Hoti )   रवैये में लचक कोई मुरव्वत ही कहां होती कभी सरकार की हम पर इनायत ही कहां होती। जो बातिन है वो...

अस्तित्व की तलाश | Astitva ki Talash

अस्तित्व की तलाश ( Astitva ki Talash )   पुरुष प्रधान समाज में अटक रही है नारी, जमीन आसमां के बीच लटक रही है नारी ! सब कुछ होकर...