Admin

Admin
6074 POSTS 3 COMMENTS

सनातन वैभव | Sanatan Vaibhav

सनातन वैभव ( Sanatan vaibhav )   धीरे धीरे ही बदल रही, यह और बदलती जाएगी। धूमिल थी जो गौरव गरिमा, वो और निखरती जाएगी। जो सदियों से त्रासदी...

पुण्यों का श्री वंदन | मकर संक्रान्ति पर्व पर

मकर संक्रान्ति पर्व पर ओज पुंज सूर्यदेव भगवान, सहर्ष उत्तरायन शुभागमन । धरा गगन उत्संग शुभता, रज रज पावनता रमन । देवलोक जागरण बेला, आनंद जीवन अंकुर नर्व पर। पुण्यों...

यह कैसी लाचारी है | Kaisi Lachari

यह कैसी लाचारी है ( Yeh kaisi lachari hai )   यह कैसी लाचारी है, पीर पर्वत से भी भारी है। औरों के खातिर जीना, आज हुआ दुश्वारी...

वह राम कहां से लाऊं मैं | राम पर कविता

वह राम कहां से लाऊं मैं शबरी    के   जूठे   बेरों   सेजो तनिक नहीं भी बैर कियासब  ऊंच - नीच  के भेदों...

पर हार कभी न स्वीकार कर | Haar Kabhi na Swikar...

पर हार कभी न स्वीकार कर ( Par haar kabhi na swikar kar )   दर्श पथ कंटक बाधा , किंचित नहीं घबराना । थोड़ा चिंतन मनन कर, मूल कारण...

मकर संक्रांति | Makar Sankranti

मकर संक्रांति ( Makar Sankranti )   मकर संक्रांति पर्व सुहाना, स्वच्छंद रूप से पतंग उड़ाना। उत्तरायण हुए सूर्य देवता, इनको हृदय से अर्द्ध चढ़ाना दान पुण्य खिचड़ी कर आना, पावन...

श्री राम कथा | Shri Ram Katha

श्री राम कथा ( Shri Ram Katha )   श्री राम कथा वंदन शुभकारी त्रेता युग हिंद अखंड धरा,अयोध्या नगरी अनूप । दिव्य भव्य रघुवंश कुल,दशरथ लोकप्रिय भूप । कैकयी...

मकर संक्रांति पर्व | Makar Sankranti Parv

मकर संक्रांति पर्व ( Makar sankranti parv ) उड़ी उड़ी रे पतंग देखो उड़ी रे पतंग, मन हुआ है मतंग देख कर ये पतंग। कभी इधर चली तो...

दिल को अब किसी की जरूरत नहीं | Dil ko Ab

दिल को अब किसी की जरूरत नहीं ( Dil ko ab kisi ki jarurat nahi )   ढूंढ लेता खुशियां दिल कहीं ना कहीं। दिल को अब किसी...

बेटी का घर | Beti ka Ghar

बेटी का घर ( Beti ka ghar )    बेटी का नहीं होता कोई अपना घर न्यारा, घर चाहे पिता का हो या पति का, होता है पराया। "पराये...