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सनातन वैभव | Sanatan Vaibhav
सनातन वैभव
( Sanatan vaibhav )
धीरे धीरे ही बदल रही, यह और बदलती जाएगी।
धूमिल थी जो गौरव गरिमा, वो और निखरती जाएगी।
जो सदियों से त्रासदी...
पुण्यों का श्री वंदन | मकर संक्रान्ति पर्व पर
मकर संक्रान्ति पर्व पर
ओज पुंज सूर्यदेव भगवान,
सहर्ष उत्तरायन शुभागमन ।
धरा गगन उत्संग शुभता,
रज रज पावनता रमन ।
देवलोक जागरण बेला,
आनंद जीवन अंकुर नर्व पर।
पुण्यों...
यह कैसी लाचारी है | Kaisi Lachari
यह कैसी लाचारी है
( Yeh kaisi lachari hai )
यह कैसी लाचारी है, पीर पर्वत से भी भारी है।
औरों के खातिर जीना, आज हुआ दुश्वारी...
वह राम कहां से लाऊं मैं | राम पर कविता
वह राम कहां से लाऊं मैं शबरी के जूठे बेरों सेजो तनिक नहीं भी बैर कियासब ऊंच - नीच के भेदों...
पर हार कभी न स्वीकार कर | Haar Kabhi na Swikar...
पर हार कभी न स्वीकार कर
( Par haar kabhi na swikar kar )
दर्श पथ कंटक बाधा ,
किंचित नहीं घबराना ।
थोड़ा चिंतन मनन कर,
मूल कारण...
मकर संक्रांति | Makar Sankranti
मकर संक्रांति
( Makar Sankranti )
मकर संक्रांति पर्व सुहाना,
स्वच्छंद रूप से पतंग उड़ाना।
उत्तरायण हुए सूर्य देवता,
इनको हृदय से अर्द्ध चढ़ाना
दान पुण्य खिचड़ी कर आना,
पावन...
श्री राम कथा | Shri Ram Katha
श्री राम कथा
( Shri Ram Katha )
श्री राम कथा वंदन शुभकारी
त्रेता युग हिंद अखंड धरा,अयोध्या नगरी अनूप ।
दिव्य भव्य रघुवंश कुल,दशरथ लोकप्रिय भूप ।
कैकयी...
मकर संक्रांति पर्व | Makar Sankranti Parv
मकर संक्रांति पर्व
( Makar sankranti parv )
उड़ी उड़ी रे पतंग देखो उड़ी रे पतंग,
मन हुआ है मतंग देख कर ये पतंग।
कभी इधर चली तो...
दिल को अब किसी की जरूरत नहीं | Dil ko Ab
दिल को अब किसी की जरूरत नहीं
( Dil ko ab kisi ki jarurat nahi )
ढूंढ लेता खुशियां दिल कहीं ना कहीं।
दिल को अब किसी...
बेटी का घर | Beti ka Ghar
बेटी का घर
( Beti ka ghar )
बेटी का नहीं होता कोई अपना घर न्यारा,
घर चाहे पिता का हो या पति का, होता है पराया।
"पराये...