कविता कभी हँसाती कभी रुलाती | Kavita Kabhi Hasati

कविता  ( Kavita )   कविता कभी हँसाती है, कविता कभी रुलाती है, सामाजिक कुरीतियों पर कविता प्रहार कराती है! कविता संवेदना लाती है, कविता वेदना दिखाती है, समाज को जागरूक करके कविता चेतना...

अधूरापन | Kavita Adhurapan

अधूरापन ( Adhurapan )   कर लो कितनी है पूजा अर्चना नहा लो भले गंगाजल से सोच मगर मैली ही रही रहोगे दूर ही तुम कल के फल से...

क्या खोया क्या पाया | Kya Khoya Kya Paya

क्या खोया क्या पाया ( Kya Khoya Kya Paya )   उन गलियों से जब भी गुजरी आँखों मे अश्रुधार लिये सोच रही थी चलते-चलते कि---- यहाँ मैंने क्या खोया, क्या...

मेरा अस्तित्व मेरी पहचान | Mera Astitva

मेरा अस्तित्व मेरी पहचान ( Mera astitva meri pehchaan )   मेरा अस्तित्व मेरी पहचान, मेरा विश्वास मेरा अभिमान। मेरी हिम्मत हौसलों से डरते, बाधाएं आंधी और तूफान। मेरी धडकनें...

सभी के लिए | Sabhi ke Liye

सभी के लिए ( Sabhi ke Liye )   चमकना है अगर जीवन में तो हर ताप को सहना होगा कहीं राम को श्याम, तो कहीं श्याम को राम कहना...

आओ गोरी खेले होली | Khelen Holi

आओ गोरी खेले होली ( Aao Gori Khelen Holi )   आओ गोरी होली खेले फागुन का महीना आया। मदमाता मधुमास मोहक प्यार भरा मौसम छाया। रस रंग...

सोच की नग्नता | Soch ki Nagnata

सोच की नग्नता ( Soch ki Nagnata )   भरी गागर में और जल भरता नहीं बदल गई हो दिशा जिसकी वो तना सीधे खड़ा रहता नहीं लाख चाहकर...

तेरा शेष बचे | Tera Shesh Bache

तेरा शेष बचे ( Tera Shesh Bache )   मेरा सभी नष्ट हो जाये, तेरा शेष बचे। महाशून्य के महानिलय में, तेरी धूम मचे। तब कोई व्यवधान न होगा। मान और...

काली मिर्च | Kavita Kali Mirch

काली मिर्च  ( Kali Mirch )    काली है वह रूप से लेकिन है बहुत गुणकारी, प्रकृति की जो देन है पीड़ा हर लेती वो भारी। हर घर में...

होली आई रे | Holi Aayi re

होली आई रे  ( Holi Aayi re ) ( 2 ) होली आई.....होली आई...होली आई रे होली आई.....होली आई...होली आई रे नीले पीले लाल गुलाबी रंगों का ये त्यौहार, खुशियों...