मजदूर का स्वप्न | Majdoor par kavita
मजदूर का स्वप्न
( Majadoor ka swapan )
ऊंची ऊंची अट्टालिका है ,
बड़े-बड़े यह भवन खड़े हैं l
चारों और यह भरे पड़े हैं,
मेरे हाथों से ही...
पाती धड़कनों की | Pati Dhadkano ki
पाती धड़कनों की
( Pati dhadkano ki )
दिल की स्याही में
पिरो- पिरो कर
जज़्बातों का रस
घोल- घोल कर -
भाषा का मधु उड़ेल कर
मोती जड़े अक्षरों का
जादू...
जाने कहां चले गए ?
जाने कहां चले गए ?
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महंगाई महंगाई का शोर करने वाले,
सड़क और संसद पर धरना देने वाले!
नहीं दिख रहे आजकल?
जो बात बात पर करते थे...
माँ के चरणों में | Mother’s Day ke Liye Poem
माँ के चरणों में
( Maa ke charno mein )
बड़ा छोटा शब्द है मां
उसके चरणों में है जहांविस्तृत विशाल हृदय से
करुणा ,ममता ,भावों सेजीवन के...
सोच कर देखो | Pakshi par Kavita
सोच कर देखो
( Soch kar dekho )
पक्षी पर कविता
किसी आशियाना कोकोई कब तक बनाएगा,जब उखाड़ फेंकने परकोई तुला हो,बाग बगीचा वन उपवनको छिन्न-भिन्न करहमें...
अनहोनी | Kavita anhoni
अनहोनी
( Anhoni )
अनहोनी सी घट रही अब दो देशों की लड़ाई में
विश्वयुद्ध के कगार पे जग सदी जा रही खाई में
लड़ाकू विमान बमबारी विध्वंसक...
वसन्त – दोहायन | Basant poem
"वसन्त - दोहायन"
( Basant dohayan )
मेटे ऋतु सन्देश ने, सभी कठिन सन्त्रास!
हुई प्रतीक्षापूर्ण और, सफल हुए आयास !!
हैअब पुष्पित औ'फलित,जन्मजन्म की प्रीत!
पास अवनिके आगया,...
खेलत कन्हाई है | Khelat Kanhai hai
खेलत कन्हाई है
( Khelat Kanhai hai )
नटवर नागर है तू
प्रेम भरी सागर तु
ग्वाल बाल संग फाग
खेलत कन्हाई है
छोरा छोरी जोरा जोरी'
मोरी है कलाई...
जानकी अनुपमा | Janki Anupma
जानकी अनुपमा
( Janki Anupma )
जानकी अनुपमा,राम वैभव आधार
जनक दुलारी महिमा अद्भुत,
प्रातः वंदनीय शुभकारी ।
राम रमाकर रोम रोम,
पतिव्रता दिव्य अवतारी ।
शीर्ष आस्था सनातन धर्म,
सुरभि संस्कृति...
अंतिम यात्रा | Kavita antim yatra
अंतिम यात्रा
( Antim yatra )
जीवन की प्रचंड धूप में मनुज तपता रहा दिन रात
नयन कितने स्वप्न देखे कितनी शामें कितने प्रभात
भाग दौड़ भरी जिंदगी...