मजदूर का स्वप्न | Majdoor par kavita

मजदूर का स्वप्न ( Majadoor ka swapan )   ऊंची ऊंची अट्टालिका है , बड़े-बड़े यह भवन खड़े हैं l चारों और यह भरे पड़े हैं, मेरे हाथों से ही...

पाती धड़कनों की | Pati Dhadkano ki

पाती धड़कनों की ( Pati dhadkano ki )    दिल की स्याही में पिरो- पिरो कर जज़्बातों का रस घोल- घोल कर - भाषा का मधु उड़ेल कर मोती जड़े अक्षरों का जादू...

जाने कहां चले गए ?

जाने कहां चले गए ? ****** महंगाई महंगाई का शोर करने वाले, सड़क और संसद पर धरना देने वाले! नहीं दिख रहे आजकल? जो बात बात पर करते थे...

माँ के चरणों में | Mother’s Day ke Liye Poem

माँ के चरणों में ( Maa ke charno mein )    बड़ा छोटा शब्द है मां उसके चरणों में है जहांविस्तृत विशाल हृदय से करुणा ,ममता ,भावों सेजीवन के...

सोच कर देखो | Pakshi par Kavita

सोच कर देखो ( Soch kar dekho ) पक्षी पर कविता   किसी आशियाना कोकोई कब तक बनाएगा,जब उखाड़ फेंकने परकोई तुला हो,बाग बगीचा वन उपवनको छिन्न-भिन्न करहमें...

अनहोनी | Kavita anhoni

अनहोनी ( Anhoni )   अनहोनी सी घट रही अब दो देशों की लड़ाई में विश्वयुद्ध के कगार पे जग सदी जा रही खाई में   लड़ाकू विमान बमबारी विध्वंसक...

वसन्त – दोहायन | Basant poem

"वसन्त - दोहायन" ( Basant dohayan )   मेटे ऋतु सन्देश ने, सभी कठिन सन्त्रास! हुई प्रतीक्षापूर्ण और, सफल हुए आयास !!   हैअब पुष्पित औ'फलित,जन्मजन्म की प्रीत! पास अवनिके आगया,...

खेलत कन्हाई है | Khelat Kanhai hai

खेलत कन्हाई है ( Khelat Kanhai hai )   नटवर नागर है तू प्रेम भरी सागर तु ग्वाल बाल संग फाग खेलत कन्हाई है छोरा छोरी जोरा जोरी' मोरी है कलाई...

जानकी अनुपमा | Janki Anupma

जानकी अनुपमा ( Janki Anupma )    जानकी अनुपमा,राम वैभव आधार जनक दुलारी महिमा अद्भुत, प्रातः वंदनीय शुभकारी । राम रमाकर रोम रोम, पतिव्रता दिव्य अवतारी । शीर्ष आस्था सनातन धर्म, सुरभि संस्कृति...

अंतिम यात्रा | Kavita antim yatra

अंतिम यात्रा ( Antim yatra )    जीवन की प्रचंड धूप में मनुज तपता रहा दिन रात नयन कितने स्वप्न देखे कितनी शामें कितने प्रभात   भाग दौड़ भरी जिंदगी...