बिन चिता के ही चिता की सी तपन | Chita par...

बिन चिता के ही चिता की सी तपन ( Bin chita ke hi chita ki si tapan )    बिन चिता के ही चिता की सी तपन...

जिंदगी जब हम जीने लगे | Hindi Poem on Zindagi

जिंदगी जब हम जीने लगे ( Zindagi jab hum jeene lage )    जिंदगी जब हम जीने लगे गम के घूंट थोड़े पीने लगे अश्रु टपके नयन से हमारे अपनो...

आशिकी | Poem in Hindi on Aashiqui

आशिकी !   आजकल मुझको फिर से सताने लगे, रात को मेरे सपनों में आने लगे। मेरी चढ़ती जवानी का है ये असर, अपने घर का ही रस्ता भुलाने...

संत संगति | Kavita Sant Sangati

संत संगति ( Sant sangati )    सज्जन साधु संगत कर लो बेड़ा पार हो जाएगा। बिनु सत्संग विवेक नहीं उजियारा कैसे आएगा। संत सुझाए राह प्रेम की हरि...

मुझे गुरूर है कि | Kavita Mujhe Guroor hai

मुझे गुरूर है कि ( Mujhe guroor hai ki )    मुझे गुरूर है कि मैं भारत देश का वासी हूं। लेखनी का दीप जलाता हरता हर उदासी...

औरत | Poem in Hindi on Aurat

औरत! ( Aurat )    घर को घर देखो बनाती है औरत, रंग - बिरंगे फूल खिलाती है औरत। न जाने कितने खेले गोंद में देवता, उम्रभर औरों के लिए...

निपुण मिशन की ज्योति जलाएं | Nipun Mission par Kavita

निपुण मिशन की ज्योति जलाएं  ( Nipun mission ki jyoti jalayen )   निपुण मिशन की ज्योति जलाएंआओ शिक्षा अभियान चलाएं। अभिभावक संग मिल शिक्षक हमगढ़  भविष्य  बच्चों...

नीलकंठ महादेव | Neelkanth Mahadev par Kavita

नीलकंठ महादेव ( Neelkanth Mahadev )    सारी दुनिया का गरल पी नीलकंठ कहलाए। ध्यान मग्न भोले शंकर शीश जटा गंग बहाए। भस्म रमाए तन पे बैठे हैं गले...

कौन बुझाये | Kavita Kaun Bujhaye

कौन बुझाये! ( Kaun bujhaye )    दुश्मन जो आग लगाए पानी उसे बुझाये, पानी ही आग लगाए उसे कौन बुझाये।   माना यौवन के आगे न चलता जोर किसी...

मदिरालय | Madiralay par Kavita

मदिरालय ( Madiralay )    पड़ा धुत नशे में राही मदिरालय को जाता। लड़खड़ाती जिंदगी है समझ नहीं वो पाता। मय प्याला हाथों में छलके जामो पे जाम। ये कैसी...