धूप सेंकने वो आती नहीं | Poem Dhoop Sekne
धूप सेंकने वो आती नहीं!
( Dhoop sekne wo aati nahi )
आओ कुछ काम करें हम भी जमाने के लिए,
कोई रहे न मोहताज अब मुस्काने...
बेजुबानों को प्यार दो | Kavita Bejubano ko Pyar do
बेजुबानों को प्यार दो
( Bejubano ko pyar do )
नन्हे बालक भोले भाले
हाथी घोड़े शेर पालेपशुओं से प्रेम जताते
खग पखेरू दाने डालेजीवो पर दया दर्शाते
गले...
सिन्दूर पर कविता | Poem in Hindi on Sindoor
सिन्दूर पर कविता
( Sindoor par kavita )
सिन्दूर के नाम पर
क्यों?
नारी बंध सी जाती है,
अबला बन जाती है
तड़प तड़प कर
जिंदा ही,
मर सी जाती है।
सिन्दूर के...
स्वर्ग | Swarg par Kavita
स्वर्ग
( Swarg )
स्वर्ग कहीं ना और, बसा खुद के अंतर मेंखोज रहे दिन- रात जिसे हम उस अम्बर में सुख ही है वह स्वर्ग जिसे ...
जिधर देखो उधर | Kavita Jidhar Dekho Udhar
जिधर देखो उधर
( Jidhar dekho udhar )
जिधर देखो उधर मच रहा कोहराम यहां भारी है।
चंद चांदी के सिक्कों में बिक रही दुनिया सारी है।
बिछ...
नैनो का अंदाज़ जुदा | Nain par Kavita
नैनो का अंदाज़ जुदा
( Naino ka andaz juda)
आंखें सबकी एक जैसी देखने का अंदाज़ जुदा।
नज़ाकतें भांति भांति की नजरें होती जब फिदा।
कोई तिरछी नजरें...
मुँह से फूल झरते हैं | Poem Muh se Phool Jhadte...
मुँह से फूल झरते हैं!
( Muh se phool jhadte hain )
क्या कुदरत बनाई उसे आह लोग भरते हैं,
लेकर उधार रोशनी तारे वो चमकते हैं।
हौसले...
सत्य गुमराह नहीं होता | Satya par Kavita
सत्य गुमराह नहीं होता
( Satya gumrah nahi hota )
सांच को आंच नहीं होती सत्य गुमराह नहीं होता।
सच्चाई छुपती नहीं कभी सच बेपरवाह नहीं होता।
श्रद्धा...
ध्यान आपका ही धरता हूं | Kavita Dhyan Aapka hi Dharta...
ध्यान आपका ही धरता हूं
( Dhyan aapka hi dharta hoon )
मैं हर जगह बस छवि आपकी,
नैनों में देखा करता हूं।
तारणहारा तुम हो भगवान,
ध्यान आपका...
फिर उसी कांधे पर सिर | Kavita Phir usi Kandhe par
फिर उसी कांधे पर सिर
( Phir usi kandhe par seer )
बचपन में मां के आंचल में सिर देकर सो जाते थे।
मीठी मीठी लोरियां सुनकर...