पता नहीं क्यों | Pata Nahi Kyon

पता नहीं क्यों ( Pata nahi kyon )    घर छोटा कमरे भी कम थे रिश्ते नाते सब चलते थे फिर भी प्रेम बाकी था पता नहीं क्यों पति-पत्नी में प्यार...

यक्ष प्रश्न | Yaksha Prashna

यक्ष प्रश्न ( Yaksha Prashna )    परिवार हि समाज की वह इकाई है जहां से ,स्वयं समाज और देश का निर्माण होता है व्यक्ति ही एक मे अनेक और...

क्यों | Kyon

क्यों ? ( Kyon )    हाथ मिला उल्फत दिखलाते दिल मिलने से क्यों घबराते? हुस्न परस्ती के दीवाने वस्फ की राह नही वे जाते। दैर -ओ -हरम के ये बासिंदे नफ़रत...

थोड़े ही है | Thode hi Hai

थोड़े ही है ( Thode hi hai )   जुल्मो - फ़रेब से हाशिल कामयाबी थोड़े ही है। है मज़हब अलग तो ये खराबी थोड़े ही है।   जिन्होंने इंसानियत...

ऐसा क्या है | Aisa Kya hai?

ऐसा क्या है? ( Aisa Kya hai )    (एक) घर में परिवार में गली में मोहल्लें में गाॅंव में कस्बें में नगर में शहर में राज्य में देश में दुनिया में ब्रह्मांड में ऐसा क्या है? विश्वास, उम्मीद, प्रेम, या और कुछ? जिससे एक दूसरे...

शुद्धि से सिद्धि तक | Shuddhi se Siddhi Tak

शुद्धि से सिद्धि तक ( Shuddhi se siddhi tak )    शुद्धि से सिद्धि तक, विमल जीवन पथ मानव जीवन अहम ध्येय, सुख आनंद प्रति क्षण । सद्गुण आदर्श सर्व...

संवाद | Samvad

संवाद ( Samvad )    संवाद सदैव दो के बीच ही होता है किंतु ,उपस्थित हर व्यक्ति,उसे अपनी समझ और प्रसंगानुरूप ही समझने का प्रयास करता है.... उपस्थिति की जरूरत आपकी...

विश्व शिक्षक दिवस | Vishva Shikshak Diwas

विश्व शिक्षक दिवस ( Vishva Shikshak Diwas )   शिक्षक चेतना का चिराग मृदुल मृदु विमल वाणी, श्री चरण कमल वरदान । कृत कृत्य श्रेष्ठ उपमा, हृदय पुनीत संधान । दर्शन दिव्य...

मिंतर चौक | Minter Chowk

मिंतर चौक ( Minter Chowk )   आओ थानै आज घुमाल्यू, चालो मित्र चौक। जगदंबा दरबार सज्यो देओ माई शीतला धोक। सब्जी मंडी सारै लागै, विघ्नहर्ता गणपति राज। गोपीनाथ जी...

अब निद्रा से उठना चाहिए | Ab Nidra se Uthana Chahiye

अब निद्रा से उठना चाहिए ( Ab nidra se uthana chahiye )   हमको अब गहरी निद्रा से उठ जाना ही चाहिए, बहुत सो लिए साथियों ये देर...