महल | Mahal Bhojpuri Kavita
महल
( Mahal )
धूल में मिल के सब धूल भईल
का पताका , का सिंघासन कवन भुल भईल
आज दुनिया देख रहल चुप चाप ओके
छप पन्ना में...
फूले पलाश मेरे फूले पलाश | Kavita Phoole Palash
फूले पलाश मेरे फूले पलाश।
( Phoole palash mere phoole palash )
फूले पलाश मेरे फूले पलाश।
धरती मुदित है,मुदित है आकाश ।।
फूले पलाश मेरे फूले पलाश.....
परीक्षा | Pareeksha par Chhand
परीक्षा
( Pareeksha )
पग पग पे परीक्षा, लेता जग करतार।
जीवन की डगर पे, चलिए जरा संभल।
हर आंधी तूफां से, हर मुश्किल बाधा से।
हौसलों की उड़ान...
समय | Samay par Bhojpuri Kavita
" समय " भोजपुरी कविता
( Samay par Bhojpuri Kavita )
झकझोर देलऽक दुनिया ओके झोर के
लूट लेलऽक मिठ ओ से बोल के
अउर तुडलक ओके मडोड...
जागरूकता ही कैंसर बचाव | Cancer Jagrukta par Kavita
जागरूकता ही कैंसर बचाव
( Jagrukta hi cancer bachao )
पूरे विश्व में बढ़ रही है आज तिव्रता से यह बिमारी,
इम्यून सिस्टम कम कर देती कोशिकाओं...
चांद भी फीका पड़ जाए ऐसा रूप मैंने देखा | Kavita...
चांद भी फीका पड़ जाए ऐसा रूप मैंने देखा
( Chand bhi fika pad jaye aisa roop mein ne dekha )
चांद भी फीका पड़ जाए...
बसंत ऋतु के आगमन पर | Basant Ritu par Kavita
बसंत ऋतु के आगमन पर
( Basant ritu ke aagman par )
मदिर से है बसंत, आये हैं जी पाहुने से
सखि पिया बिन मोहे, कछु न...
कोहरा | Kohara par Chhand
कोहरा
( Kohara )
मनहरण घनाक्षरी
ठंडी ठंडी हवा चली, शीतलहर सी आई।
ओस पड़ रही धुंध सी, देखो छाया कोहरा।
ठिठुरते हाथ पांव, बर्फीली हवाएं चली।
कुदरत का नजारा,...
कलयुग की कली | Kavita Kalyug ki Kali
कलयुग की कली
( Kalyug ki kali )
कली,अधखिलीसोंच में थी पड़ी,तरुणा मेंकरुणा लिएक्रंदन काविषपान पिएरति छवि काश्रृंगार किएमन में ली वहव्यथित बलाकलयुग कंटक कीदेख कलाबन...
राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल | Rashtrapati Pratibha Patil par Kavita
राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
( Rashtrapati Pratibha Devi Singh Patil )
जैसा जिनका नाम था सारा वैसा ही उनका काम,
प्रतिभा की धनी थी वो प्रतिभा...