Monthly Archives: April 2021

सीख दे गई | Kavita Seekh

सीख दे गई (Seekh De Gayi ) सूखी टहनी उड़ आई मेरे पास थी उसे कुछ कहनी बोली मुझे न काटा कर जरूरत भर मांग लिया कर मैं खुशी खुशी दे दूंगी नहीं...

शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद | Ghazal on love

शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद ( Shisha-e-Dil Pe Jami Hai Dhool Shayad )   शीशा-ए-दिल पे जमी है धूल शायद। देखने  में  हो  रही  है  भूल शायद।।   आरजू...

चांद पर जमीन || Hindi kaita on nature

चांद पर जमीन ( Chand Par Zameen )चचा ! बिकने लगा है चांद पर जमीन लोग खरीदने भी लगे हैं। जाकर देखा नहीं वहां, नीचे से तो दिखता है बस...

दें गयी इश्क़ में मात वो | Shayari Ishq mein

दें गयी इश्क़ में मात वो ( De Gayi Ishq Mein Maat Wo )   दें  गयी  इश्क़  में मात वो कह गयी कुछ ऐसी बात वो  आज वो...

फ़लक से क़मर को उतारा कहाँ है || Hindi Ghazal on...

फ़लक से क़मर को उतारा कहाँ है ( Falak Se Kamar Ko Utara Kahan Hai )   फ़लक से क़मर को उतारा कहाँ है अभी उसने ख़ुद को...

फूलों का रंग रखिए,बरकरार हमेशा || hindi ghazal on nature

फूलों का रंग रखिए,बरकरार हमेशा ( Phoolon Ka Rang Rakhiye, Barkarar Hamesha )   फूलों  का  रंग  रखिए, बरकरार हमेशा। इस वास्ते गुलशन से करें,प्यार हमेशा।  कौन मौज में...

कन्या और दान | shadi poem in hindi

*कन्या और दान* ( Kanya Or Daan )    जबसे बिटिया हुई सयान चिंता में है बाप की जान नित्य  धरावे  नारी  ध्यान  जल्दी कर दो कन्यादान घर -वर ढूढ़े फिर...

Ghazal | हमें न ज़ोर हवाओं से आज़माना था

हमें न ज़ोर हवाओं से आज़माना था ( Hame Na Zor Hawaon Se Aazmana Tha )   हमें   न  ज़ोर  हवाओं  से  आज़माना  था वो कच्चा धागा था...

याद सताए तेरी सोन चिरैया | Kavita

याद सताए तेरी सोन चिरैया ( Yad Sataye Teri Son Chiraiya )   कहां गई? वो सोन चिरैया! रहती थी जो सबके घर आंगन चाहे महल हो या हो मड़ैया! कहां...

मन का संसय | Kavita

मन का संसय ( Man ka Sansay )   उम्मीद हमारी तुमसें है, देखों  यह  टूट न जाए। विश्वास का धागा ऐसा है जो,पास तेरे ले आए।  मन जुड़ा...