Monthly Archives: September 2022

मॉर्निंग वॉक बनाम पुष्प | Hindi mein kahani

मॉर्निंग वॉक बनाम पुष्प आप सोच रहे होंगे मॉर्निंग वॉक का पुष्प से क्या मतलब होता है l होता है जैसे ताजी हवा फूल की...

अधर में आदमी | Kavita adhar mein aadmi

अधर में आदमी ( Adhar mein aadmi )   अधर आदमी लटक रहा नीचे विषधर फैले हैं। भगवान रखवाला सबका जीवन के झमेले हैं।   जो दिग्गज है जोर उनका...

वो आखरी सलाम था | Kavita aakhri salaam

वो आखरी सलाम था ( Wo aakhri salaam tha )   सीमा से तिरंगे में लिपटा वो अमर सपूत घर आया नैनों से अश्रुधारा बहती सबका कलेजा भर...

प्यार से दिल बेसहारा हो गया | Ghazal dil besahara

प्यार से दिल बेसहारा हो गया ( Pyaar se dil besahara ho gaya )    प्यार से दिल बेसहारा हो गया कल यहां ऐसा इशारा हो गया   हम भला...

प्रथम हो शिक्षक का सम्मान | Geet shikshak ka samman

प्रथम हो शिक्षक का सम्मान ( Pratham ho shikshak ka samman )    गुरु है गुण निधियों की खान प्रथम हो शिक्षक का सम्मान गुरु है ज्ञान का सागर...

सुख और दुःख | Poem sukh aur dukh

सुख और दुःख ( Sukh aur dukh)   भेंट हुआ एक दिन सुख दुःख कादुःख ने खबर लिया तब सुख का, दुःख बोली ओ! प्यारी बहनाकितना मुस्किल तुमसे...

शिक्षक दिवस | Poem shikshak diwas

शिक्षक दिवस ( Shikshak diwas )   गुरु ज्ञान की गंगा पावन अनुभव भरा खजाना है शब्द शब्द अनमोल मोती गुरु श्रीमुख से पाना है   दिव्य प्रज्ञा जोत जलाते...

हो शालू | Bhojpuri kavita ho Shalu

हो शालू! ( Ho Shalu )  झमकावेलू, आंख देखावेलू लचकावेलू, मटकावेलू धमकावेलू, महटियावेलू ना आवेलू, अंठियावेलू सुनावेलू, सतावेलू।  लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर सलेमपुर, छपरा, बिहार । यह भी पढ़ें : https://thesahitya.com/manjoor-ke-dohe/

शिक्षक की अभिलाषा | Shikshak diwas par kavita

शिक्षक की अभिलाषा ( Shikshak ki abhilasha )   चाह नहीं बी एल ओ बनकर, रोज गांव में टेर लगाऊं।चाह नहीं संकुल बी आर सी, चक्कर कांटू मेल बनाऊं।।   चाह...

पिता | Poem on pita

पिता ( Pita )   पिता एक चट्टान होता हैl पिता का साया जब होता हैl बेटा चैन की नींद सोता हैl पिता बच्चों के सपनों को अपनी आंखों में संजोता...