हो शालू | Bhojpuri kavita ho Shalu

हो शालू! ( Ho Shalu )  झमकावेलू, आंख देखावेलू लचकावेलू, मटकावेलू धमकावेलू, महटियावेलू ना आवेलू, अंठियावेलू सुनावेलू, सतावेलू।  लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर सलेमपुर, छपरा, बिहार । यह भी पढ़ें : https://thesahitya.com/manjoor-ke-dohe/

श्याम सलोने | Kavita

श्याम सलोने ( Shyam Salone )   राधा को मिल गए श्याम राधा प्यारी गाती फिरेराधा जाने लगी संग गईया चली श्याम माखन में डुबकी लगाने लगे संग राधा के...

हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है | Urdu ghazal by Nepali...

 हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है  ( Hum par koi naqab thodi hai )   ❄️ आइना खुदको क्या समझता है नक़ाब वाला चेहरा दिखाता है तो दिखाने दो हम...

पगड़ी | Pagadi par Kavita

पगड़ी ( Pagadi )    ये है कपड़े की एक छोटी सी पगड़ी, हरियाणा राजस्थान का मान पगड़ी। आन बान और शान भी यही पगड़ी, इज्जत और ईमान यह प्यारी...

नफरत की दुनिया | Poem on world of hate in Hindi

नफरत की दुनिया ( Nafrat ki duniya )   कितनी अजीब है यह कितनी लगे बेगानी नफरत की यह दुनिया ये कैसी है कहानी   झूठ कपट भरा पड़ा इस...

Hindi Diwas Poem | मेरा सम्मान – मातृभाषा हिन्दी

मेरा सम्मान - मातृभाषा हिन्दी ( Mera samman - matribhasha Hindi )   कब तक हिंदी मंद रहेगी अग्रेजी से तंग रहेगी कब तक पूजोगे अतिथि को कब तक माँ...

पारस | Poem on paras

पारस ( Paras )   करामात होती पारस में जब लोहे को छू लेता है। कुदरत का खेल निराला धातु स्वर्ण कर देता है।   छूकर मन के तारों को...

sad shayari in hindi -तुम भी मुझसे उतने ही दूर हो

तुम भी मुझसे उतने ही दूर हो ( Tum Bhi Mujhse Utne Hi Door Ho )   तुम भी मुझसे उतने ही दूर हो जितना आकाश धरती से दूर है  जैसे...

इक आह उभरती सीने में | Ek Aah

इक आह उभरती सीने में ( Ek aah ubharti seene mein )   इक आह उभरती सीने में, और दर्द भी दिल में होता है। मन की पीर ढल...

देखो आज राम बन कितने रावण निकलेंगे | Kavita

देखो आज राम बन कितने रावण निकलेंगे ( Dekho aaj Ram ban kitne ravan nikalenge )   देखो ,आज राम बन कितने रावण निकलेंगे जलाने इक काग़ज़ के...