दो और दो पांच | लघुकथा सह आत्मकथा

कहते है कि मजाक में भी कहावते सच हो जाती है। सोचो कैसे चलो चलते है लगभग 5 वर्ष पहले जब मेरे ससुराल में...

राशनकार्ड ( लघुकथा ) | Ration Card

एक दिन ईशा रसोई के सारे डिब्बे साफ करके बड़े खुश थी सोच रही थी के पहिले के जमाने में कितने बड़े कंटेनर होते...

सासू मां का बहु के लिए अनमोल तोहफा

राधा की शादी एक अच्छे परिवार में हुई थी वह अपनी ससुराल में इकलौती बहू थी। बस एक छोटी नंद थी और सास ससुर।...

मज़हब की दीवारें | Mazhab ki Deewaren

आज दीपावली का त्यौहार है। प्रकृति में हर तरफ़ नव उत्साह एवं दिवाली का परमानंदित प्रकाश फैला हुआ है। यह दिव्य प्रकाश बिजली से...

डिजिटल मनी ऑर्डर | Laghu Katha Digital Money Order

लघु कथा: "डिजिटल मनी ऑर्डर" प्यारे मुन्ना,खुश रहो।आज पेटीएम से तुम्हारे दिए हुए पैसे प्राप्त हुए, बहुत खुशी मिली। लेकिन उससे ज़्यादा खुशी तब मिलती...

दीवाली | Diwali Katha

कोमल के पिता आज बहुत परेशान थे क्योंकि आज ही उन्हें पता चला था कि कुछ ही दिनों बाद दीवाली का त्यौहार आने वाला...

नसीहत | Laghu Katha Naseehat

"बड़े बुजुर्गों ने कहा है कि अपने सगे भाई का भी आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। उसके दिल में आपके प्रति घृणा भी...

सच्चा प्यार – अ ट्रू लव स्टोरी

प्रभात और संध्या दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। नाम तो उनके विपरीत थे। पर दोनों को देखकर यूं लगता था मानो "मेड...

“Kidnap”- एक क्राइम कथा

मेरे तैयार होते ही एक कॉल आया और सामने से आवाज आई! प्लीज मुझे बचा लो यह लोग मुझे मार डालेंगे!मैं आवाज पहचान नहीं...

ख़ुशी | Laghu Katha Khushi

एक गाँव में एक फ़ैक्टरी होती है,जिसमें 100 कर्मचारी काम करते हैं। सब खुश थें,पैसे सभी को थोड़े कम मिलते थे‌। फ़ैक्टरी दूर भी...