होते सिक्के हैं खास | Sikkey

होते सिक्के हैं खास! ( Hote sikkey hain khash )   होते सिक्के हैं खास! ये जो सिक्के हैं इनके कई किस्से हैं ढ़लाई ,पंचिंग , मार्क, स्मारक और कामन होते...

मित्र याद आ गऍं | Mitr ki Yaad

मित्र याद आ गऍं ( Mitr yaad aa gaye )    मित्रता दिवस पर मित्र याद आ गऍं, अब पुरानें सभी दिन वह कहाॅं गऍं। लड़ना झगड़ना ख़ुशी पल...

चहुंओर युद्ध हो रहे हैं | Chahunor

चहुंओर युद्ध हो रहे हैं ( Chahunor yudh ho rahe hai )    चहुंओर युद्ध हो रहे हैं बात सब बुद्ध की कर रहे हैं चहुंओर अधर्म का है...

आती याद बहुत तू माँ | Maa ki Yaad Kavita

आती याद बहुत तू माँ ( Aati yaad bahut tu maa )    परदेश में ही आती याद बहुत तू माँ तेरे बिन आंखों में ही है आंसू...

काल चक्र | kaalchakra

काल चक्र ( kaalchakra )    मोन हूं शांत हूं, समय गति का सद्भाव हूं! रुकता नही कभी समय , यह " काल चक्र " सदैव ही कालांतर से निरंतर गतिमान...

शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल | Shiv Shiv Bol

शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल ( Shiv Shiv Bol Gyan Pat Khol )    शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल। हर हर भज नर नाम अनमोल। बाबा भोलेनाथ...

कुपित हो रही है यह प्रकृति | Paryavaran par Kavita in...

कुपित हो रही है यह प्रकृति ( Kupit ho rahi hai yah prakriti )    आत्महंता कर्म हम कर रहे हैं, कुपित हो रही है यह प्रकृति जीव–जंतु सभी...

पर्यावरण की व्यथा | Paryavaran ki Vyatha

पर्यावरण की व्यथा ( Paryavaran ki vyatha )   बहुत दुखी हैं आज प्रकृति। सबसे अपनी व्यथा कहती, कोई सुने इसकी गुहार, बंद करें इसका संहार। पल पल पीड़ा को सहती, बहुत...

विश्व पर्यावरण दिवस | Vishv Paryavaran Divas

विश्व पर्यावरण दिवस ( Vishv paryavaran divas )   काट रहे हैं जंगल - जंगल, वृक्षारोपण भूल गए। पर्यावरण की रक्षा करना,आखिर कैसे भूल गए। छाँव और औषधि देकर...

वृक्ष धरा के मूल | Vriksh Dhara ke Mool

वृक्ष धरा के मूल ( Vriksh dhara ke mool )  पर्यावरण संरक्षण पर कविता  वृक्ष धरा के मूल, भूल से इनको काटो ना नदी तालाब और पूल, भूल...