होते सिक्के हैं खास | Sikkey
होते सिक्के हैं खास!
( Hote sikkey hain khash )
होते सिक्के हैं खास!
ये जो सिक्के हैं
इनके कई किस्से हैं
ढ़लाई ,पंचिंग , मार्क, स्मारक और
कामन होते...
मित्र याद आ गऍं | Mitr ki Yaad
मित्र याद आ गऍं
( Mitr yaad aa gaye )
मित्रता दिवस पर मित्र याद आ गऍं,
अब पुरानें सभी दिन वह कहाॅं गऍं।
लड़ना झगड़ना ख़ुशी पल...
चहुंओर युद्ध हो रहे हैं | Chahunor
चहुंओर युद्ध हो रहे हैं
( Chahunor yudh ho rahe hai )
चहुंओर युद्ध हो रहे हैं
बात सब बुद्ध की कर रहे हैं
चहुंओर अधर्म का है...
आती याद बहुत तू माँ | Maa ki Yaad Kavita
आती याद बहुत तू माँ
( Aati yaad bahut tu maa )
परदेश में ही आती याद बहुत तू माँ
तेरे बिन आंखों में ही है आंसू...
काल चक्र | kaalchakra
काल चक्र
( kaalchakra )
मोन हूं शांत हूं,
समय गति का सद्भाव हूं!
रुकता नही कभी समय ,
यह " काल चक्र " सदैव ही
कालांतर से निरंतर गतिमान...
शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल | Shiv Shiv Bol
शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल
( Shiv Shiv Bol Gyan Pat Khol )
शिव शिव बोल ज्ञान पट खोल।
हर हर भज नर नाम अनमोल।
बाबा भोलेनाथ...
कुपित हो रही है यह प्रकृति | Paryavaran par Kavita in...
कुपित हो रही है यह प्रकृति
( Kupit ho rahi hai yah prakriti )
आत्महंता कर्म हम कर रहे हैं,
कुपित हो रही है यह प्रकृति
जीव–जंतु सभी...
पर्यावरण की व्यथा | Paryavaran ki Vyatha
पर्यावरण की व्यथा
( Paryavaran ki vyatha )
बहुत दुखी हैं आज प्रकृति।
सबसे अपनी व्यथा कहती,
कोई सुने इसकी गुहार,
बंद करें इसका संहार।
पल पल पीड़ा को सहती,
बहुत...
विश्व पर्यावरण दिवस | Vishv Paryavaran Divas
विश्व पर्यावरण दिवस
( Vishv paryavaran divas )
काट रहे हैं जंगल - जंगल, वृक्षारोपण भूल गए।
पर्यावरण की रक्षा करना,आखिर कैसे भूल गए।
छाँव और औषधि देकर...
वृक्ष धरा के मूल | Vriksh Dhara ke Mool
वृक्ष धरा के मूल
( Vriksh dhara ke mool )
पर्यावरण संरक्षण पर कविता
वृक्ष धरा के मूल, भूल से इनको काटो ना
नदी तालाब और पूल, भूल...