पत्थर | Kavita patthar
पत्थर
( Patthar )
उकेरते जाते हैं अक्स,
तो सितम ढाती हैं छैनी
यहां दर्द की परिभाषा
मेरी ,जाने भला कौन
हूं मोन ही बस मोन।।
बिखरी पड़ी है इमारतों पर
कई...
बाल मजदूरी | Poem in Hindi on child labour
बाल मजदूरी
( Bal majduri )
नही करवाना बाल- मजदूरी,
समझें इनकी कोई मज़बूरी।
बनने दो इनको शक्ति-शाली,
बचपने में होती है कमजोरी।।
पहले होने दो शरीर मज़बूत,
रखना बाल मजदूरी...
जीवन ही संघर्ष है | Jeevan sangharsh par kavita
जीवन ही संघर्ष है
( Jeevan hi sangharsh hai )
परिश्रम करने वालों की कभी हार नहीं होती,
यें मेहनत कभी किसी की बेकार नहीं जाती।
हिम्मत हौसला...
भारतीय संविधान | Samvidhan par kavita
भारतीय संविधान
( Bhartiya samvidhan )
कोटि कोटि कंठो से निकली
एक यही स्वर धारा है
सबसे न्यारा सबसे प्यारा
सुसंविधान हमारा है,
शत् शत् नवल प्रणाम तुम्हें
एक तुम्हीं सहारा...
माँ की ममता | Maa ki mamta par kavita
माँ की ममता
( Maa ki mamta )
आंचल में छुपाकर के अपने
ममता के स्नेह से नहलाती है
करती मां दुलार बच्चों को
मोती प्यार भरे लुटाती है
सुकून...
मोक्ष पाओगे | Moksh par kavita
मोक्ष पाओगे!
( Moksh paoge )
राम को हराकर बता क्या पाओगे,
सत्य को पछाड़कर भी क्या पाओगे?
अगर सत्य के पाले में खड़े रहे तो,
जाते -...
अब ख़ुद ही निखरना है | Hindi kavita on motivation
अब ख़ुद ही निखरना है
( Ab khud hi nikharna hai )
अपनें आपको तपाकर अब ख़ुद ही निखरना है,
उलझनों को सुलझाकर आगे बढ़ते ही रहना...
जीने के लिए | Kavita jeene ke liye
जीने के लिए
( Jeene ke liye )
कक्षा में
बिल्कुल पीछे
पिछले सीट पर
मैला कुचैला
निराश
उदास बैठा
सबसे दूर,
न कापी
न कलम
न पढ़ने का
मन,
मैंने डांटा
धमकाया
पर दबा दबा सा
मुझे देखा
देखता रहा
अंततः...
घर | Ghar par kavita
घर
( Ghar )
सोने बैठने रहने का ठिकाना है
सबसे सुंदर आशियाना है घर।।
जहां मां बाप भाई हैं बेटा बेटी और लुगाई है
जहां अपने है जीवन...
सलीका सिखाएँगे | Kavita salika sikhayenge
सलीका सिखाएँगे!
( Salika sikhayenge )
हम सिर्फ जिन्दा रहे,तो मर जाएँगे,
देश के लिए जिएँ, तो जी जाएँगे।
मुबारक हो उन्हें जो सोते रुपयों पे,
हम तो वहाँ...