कुछ खतायें है अक्स-ए-रुखसार में | Ghazal kuch khataayen
कुछ खतायें है अक्स-ए-रुखसार में
( Kuch khataayen hai aks e rukhsaar mein )
कुछ खतायें है अक्स-ए-रुखसार में
हम बिगड़ चुके है निगाह-ए-यार में
चस्म-ए-क़ातिल से हमे...
किस अंदाज़ से मुख्तलिफ थे तुम हमसे | Ghazal kis andaaz...
किस अंदाज़ से मुख्तलिफ थे तुम हमसे
( Kis andaaz se mukhtaliph the tum humse )
राह भटक ही जाए साहिल ऐसी तो ना थी
ढूंढ़ने से...
ज़ुल्मत से ये रूह डर रहा है | Zulamt se ye...
ज़ुल्मत से ये रूह डर रहा है
( Zulamt se ye rooh dar raha hai )
❄️
ज़ुल्मत से ये रूह डर रहा है
ख्वाब मेरे शौक़ से...
सूरज के क़ज़ा होते ही | Suraj ke qaza hote hi...
सूरज के क़ज़ा होते ही
( Suraj ke qaza hote hi )
सूरज के क़ज़ा होते ही चाँद जगमगा उठा होगा
मगर हर घर, हर सेहर सो...
सैनिक | Sainik kavita
सैनिक
( Sainik )
वो सैनिक है, वो रक्षक है ||
1.न हिन्दू है न मुस्लिम है, वो केवल मानव राशी हैं |
न दिन देखें न रात...
ज़िन्दगी का कोई बसेरा | Zindagi ka koi basera | Ghazal
ज़िन्दगी का कोई बसेरा
( Zindagi ka koi basera )
ज़िन्दगी का कोई बसेरा ढून्ढ रहा हूँ
में तो बस ज़ीस्त का एक इशारा ढून्ढ रहा हूँ
एक...
यकीन | Yakeen kavita
यकीन
( Yakeen )
ये मुझ पर सब का"यकीन"है ||
1.नौ महीने कोख मे, मुझे पाला पोसा-मात ने |
जन्म दिया पीडा सही, और दूध पिलाया मात ने...
ना शौक़, ना शौक़-ए-जुस्तुजू बाक़ी | Ghazal
ना शौक़, ना शौक़-ए-जुस्तुजू बाक़ी
( Na shoq-na- shoq-e -justaju baki )
ना शौक़, ना शौक़-ए-जुस्तुजू बाक़ी
बस दीदार-ए-यार से रहा रु-ब-रु बाक़ी
इस क़दर टूट कर नूर-ए-मुजस्सम...
चूडियाँ | Kavita choodiyaan
चूडियाँ
( Choodiyaan )
सोलह श्रंगारों मे "चूडी" ||
1.चाँद सा गोल आकार, कुछ बड़ी कुछ छोटी सी |
रंगीन कुछ सतरंगी सी, कुछ पतली कुछ मोटी सी...
हम जिस्म-ओ-जान से दिल के तलबगार है | Ghazal dil ke...
हम जिस्म-ओ-जान से दिल के तलबगार है
( Hum jism -o -jaan se dil ke talabgar )
खुसबू से पीछा छुड़ाने को बागों में टहलते है
पस-ए-पर्दा...